आधुनिक भारत के महान शिल्पी-भारत रत्न-पूर्व प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू जी की पुण्यतिथि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में श्रद्धा के साथ मनायी गयी


लखनऊ। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, आधुनिक भारत के महान शिल्पी, भारत-रत्न-पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की पुण्यतिथि आज यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में श्रद्धा के साथ मनायी गयी। इस मौके पर वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने पंडित नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि श्रद्धेय पंडित नेहरू पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिन्होने 1929 के लाहौर अधिवेशन में रावी नदी के तट पर भारत के पूर्ण स्वतंत्रता का संकल्प लिया। इस संकल्प को पूरा करने के लिए दर्जनों बार लगभग 11 वर्ष जेल में रहे, यातनाएं सही लेकिन 15 अगस्त 1947 को वह संकल्प पूरा करके इस विशाल भारत को एक धर्म निरपेक्ष, प्रभुतासम्पन्न गणराज्य के रूप में स्थापित करते हुए सामाजिक न्याय, समता और बराबरी का शासन स्थापित किया। आजादी के बाद वह भारत जो सुई नहीं बना सकता था उसको निर्माण के मानक के रूप में पूरी दुनिया के सामने स्थापित किया। एक विकसित राष्ट्र की जो भी आवश्यकताएं होनी चाहिए, श्रद्धेय नेहरू जी ने पूरा करके एक महान भारत की संरचना किया। कांग्रेस पार्टी एक इंच भी पं0 नेहरू के विचारों से नहीं भटकेगी क्योंकि पं0 नेहरू का विचार ही अखण्ड और मजबूत भारत की गारण्टी है।
इस अवसर पर पूर्व सांसद राकेश सचान ने पं0 नेहरू को महान युगदृष्टा बताया और मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था को उनकी सुन्दर परिकल्पना बताते हुए कहा कि किस प्रकार समूचे समाज को एक साथ लेकर एक मजबूत भारत आगे बढ़ रहा है यह पं0 नेहरू की ही देन है।
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि श्रद्धेय पं0 नेहरू स्वतंत्रता आन्देालन से लेकर आजादी के बाद के भारत निर्माण में जो चीज सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली है वह है विविधता को समेटकर एक साथ ले चलने की क्षमता। सबका आदर, सभी संस्कृतियों का सम्मान, त्याग और बलिदान के साथ अखण्ड और विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करना यह पं0 नेहरू की विलक्षण व्यक्तित्व की पहचान थी। आज के इस मुश्किल दौर में हम कोंग्रेसजनों को और ताकत के साथ नेहरू जी के विचारों को पूरे समाज में व्यापक रूप में फैलाना होगा जिससे भारत के मजबूती और अक्षुणता को बचाया जा सके।
अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि पं0 नेहरू से जो मौजूदा व्यवस्था है इसलिए असहमत है क्योंकि वह मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था को नहीं बनाये रखना चाहता। सामाजिक बराबरी को नहीं बर्दाश्त कर पा रहे हैं। ऐसे में पं0 नेहरू आज और भी ज्यादा प्रासंगिक हैं भारत की एकता-अखण्डता बनाए रखने के लिए, क्योंकि पं0 नेहरू के विचार कमजोर हुए तो कांग्रेस ही नहीं पूरा देश ही कमजोर हो जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस के महासचिव विश्वविजय सिंह ने पं0 नेहरू को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि श्रद्धेय नेहरू हर प्रकार की विचारधारा को स्वीकार करते थे। उनकी भारत की हर सभ्यता, हर संस्कृति से उन्हें असीम प्यार था। यही कारण है कि 6 धर्मों में, सैंकड़ों जातियों में विभक्त भारत को नेहरू जी ने न केवल एक और अखण्ड बनाया बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था से उसकी खुशहाली सुनिश्चित की।


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