अखिलेश यादव का बयान किसी बड़े दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे , छोटे दलों के साथ एडजस्टमेंट करेंगे


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में किसी बड़े दल के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। छोटे दलों के साथ एडजस्टमेंट करेंगे, उन्हें साथ लेकर चलेंगे। पार्टी के सभी नेताओं की राय है, किसी भी बड़े दल के साथ कोई गठबंधन न किया जाए। अपने चाचा और प्रगतिशील सपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को लेकर एक सवाल के जवाब में श्री यादव ने कहा कि विधानसभा में चाचा की सदस्यता को लेकर जो याचिका कर दी गई थी, उसे वापस ले लिया गया है। शिवपाल की सपा में वापसी को लेकर उन्होंने  कहा कि अभी तो उनकी एक पार्टी है। जरूरत पड़ी तो जसवंतनगर सीट पर एडजस्टमेंट हो जाएगा। लेकिन किसी से गठबंधन नहीं करेंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी, कांग्रेस और भाजपा से बराबर दूरी बनाकर काम करेगी। ऐसा लगता है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों का रास्ता एक ही है। एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने कहा कि सपा ने कोविड- 19 बीमारी को लेकर सरकार को कई सुझाव दिए लेकिन सरकार ने उस दिशा में कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी बीमारी के खिलाफ हर लड़ाई में सरकार का साथ देगी, लेकिन अगर गरीबों, मजदूरों और किसानों के साथ अन्याय होगा, तो सपा इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। लड़ाई लड़ेगी। यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास सरकारी, निजी और स्कूल, कॉलेजों को मिलाकर 70 हजार बसों का बेड़ा है। अगर सरकार चाहती तो उत्तर प्रदेश ही नहीं बिहार झारखंड और बंगाल के मजदूरों को भी पैदल नहीं चलना पड़ता है। सभी लोगों को बिना परेशानी के उनके घर पहुंचाया जा सकता था। लेकिन सरकार की लापरवाही और अनिर्णय की स्थिति के चलते गरीबों और मजदूरों को पैदल चलना पड़ा और कईयों की मौत हो गई। उन्हें बहुत दुख सहना पड़ा। श्री यादव ने कहा कि जब लाक डाउन शुरू हुआ था, तब मरीजों की संख्या कम थी, और अब तो संख्या बहुत अधिक हो गई हैं। ऐसा लगता है कि आने वाले चार-पांच दिनों में यह संख्या 2 लाख पार कर जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को सच्चाई बताना चाहिए और एक्सपर्ट को सामने लाना चाहिए। समाजवादी पार्टी ने बार-बार सरकार को सलाह दिया था, टेस्टिंग बढ़ाएं और डॉक्टरों और नर्सों को अधिक से अधिक पीपीपी किट उपलब्ध कराएं। इसी के सहारे इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। यूपी और राजस्थान दोनों सरकारों पर बसों को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि जब राजस्थान से छात्रों को लाया जा रहा था, उस दौरान मदद क्यों नहीं की। दिल्ली से यूपी के बॉर्डर पर जब लाखों की संख्या में मजदूर जमा हो गए तब इन बसों का इंतजाम क्यों नहीं किया गया। लेकिन इस वैश्विक महामारी के बीच अगर कोई भी किसी तरह की मदद दे रहा है तो उसे स्वीकार करना चाहिए। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में जगह-जगह मजदूरों को गरीबों को खाना खिलाया, राशन दिया, उनके लिए वाहन का इंतजाम करके घर पहुंचाया। मजदूरों को खाना खिलाने और गरीबों की मदद करने पर यूपी सरकार ने हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिए हैं। हमने खुद यहां से अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को निर्देश देकर गरीब, मजदूर और बेसहारा लोगों की मदद कराई। लगातार कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क में रहकर जगह-जगह गरीब, मजदूरों की मदद करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाक डाउन शुरू होते ही सबसे पहले समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लोगों की मदद करनी शुरू कर दी थी। इस वैश्विक महामारी के लिए सरकार की जिस तरह की तैयारी होनी चाहिए थी भाजपा सरकार वह नहीं कर पाई। लोकसभा में चर्चा के दौरान हमने कहा था यह बीमारी जो हवाई जहाज से आई है, अगर वह ट्रेन के जरिए गांव तक पहुंच गई तो स्थिति बेहद खराब हो जाएगी। लेकिन सरकार लगातार झूठ बोलती रही कि उसने तैयारी पूरी कर रखी है। प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार है, बीमारी जिस तरह से बढ़ रही है, सरकार जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है।


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