बड़े पैमाने पर अवैध खनन से खनन दुर्घटना की बढ़ी आशंका,दागी खननकर्ताओ ने तोड़े नियम कानून


सोनभद्र। लाकबंदी से चरमराई अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उ० प्र० सरकार ने गत 20 अप्रैल से खनन व्यवसाय को आशिक रूप से चलाने का निर्णय लिया। विभागीय अधिकारियो ने मौके को भाप आर्थिक लाभ के लिए दागी खनन कर्ताओ को ही आंशिक लिस्ट मे शामिल कर अवैध खनन का रास्ता दे दिया।सरकार के निर्देश पर जनपद सोनभद्र ने बालू पत्थर के खनन का कार्य पूरी संवेदना एवं सावधानी को ध्यान मे रखते हुए आंशिक खनन पट्टो को खोलने का निर्णय लिया गया । इस आदेश से महीनो से बंद पड़े खनन व्यवसाय मे एक बार फिर हलचल होना शुरू हुई जैसे जैसे खनन कार्य मे गति आई, दागी खनन व्यवसाइयो एवं खनन अधिकारियो ने साठगांठ करके खनन कार्य को पुराने ढर्रे पर ला दिया ।एक  महीना बीता नही कि बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र मे स्थित चालू किए गये खनन पट्टो मे अंधाधुंध खनन  शुरू हो गया ।इन खदानो मे अनियंत्रित ब्लास्टिंग के साथ साथ प्रतिबंधित मशीनो के दुर्पयोग से बड़े पैमाने का सिलसिला चलने लगा। मशीनो के के कारण मजदूरो की नौकरी खतरे मे पड़ गयी , आधे से अधिक मजदूरो की छटनी हो गयी ,वही मजदूरो का काम मशीनो ने सम्भाल लिया ।सरकार ने सोचा था कि नियंत्रित एवं नियमित खनन कार्य से जहा सरकार को राजस्व का लाभ होगा, वही कोविड- 19  की मार मे आए बेरोजगार मजदूरो को रोजी रोटी का सहारा बनेगा , लेकिन पैसो के लोभी व्यवसाइयो ने सरकार के मंशा पर पानी फेर दिया जिसका असर क्षेत्र के मजदूरो पर देखा जा सकता है  सूत्रों के अनुसार बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र मे स्थित मेसर्स बीसीयस इंटरप्राइजेज द्वारा अधिकारियो के सह पर धुआधार अवैध खनन चल रहा है। एक आकड़े के अनुमान के अनुसार इस छोटे से खनन क्षेत्र मे अनियंत्रित ब्लास्टिंग एवं मशीनो  से प्रतिदिन दो सौ से दो सौ पचास टीपर बोल्डर की निकासी की जा रही है अंधाधुंध खनन एवं परिवहन से पर्यावरण को भी खतरा उत्पन्न हो रहा है। यही हाल इस क्षेत्र मे स्थित अरूण कुमार पुत्र अखिलेश्वर प्रसाद के अलावा और खनन पट्टे में भी  बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है ।


अवैध खनन के कारण ही क्षेत्र मे इसी वर्ष जनवरी मे एक बड़ा खनन हादसा हो चुका है जिसमे दर्जन भर मजदूरो को अपनी जान गवानी पड़ी थी ।


अवैध खनन मे शुमार जनपद सोनभद्र हमेशा  सुर्खियो मे बना रहता है ।गतदिनो अवैध खनन की शिकायत होने पर मा० मुख्यमंत्री  के निर्देश पर दि० १६/११/२०१९ को भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय से गठित एक उच्चस्तरित टीम ने क्षेत्र का औचक जांच कर अवैध खनन की पुष्टी कर कार्यवाही करने का आदेश दिया था , लेकिन पहले से मलाई खाने वाले अधिकारियो ने सब लीपापोती कर डाली, उक्त जांच एक दिखावा बन कर रह गयी उसी का नतीजा है कि आज भी निडर होकर दागी खनन मालिक अवैध खनन मे लगे है ।
 
 अवैध खनन का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान होना तय है ।


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