बिहार में मखाना, कश्मीर में केसर, तमिलनाडू में हल्दी, आंध्र में मिर्च और यूपी के आम को दुनिया तक पहुंचाने का लक्ष्य - वित्तमंत्री,निर्मला सीतारमण


नई दिल्ली।  देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज तीसरे दिन विशेष आर्थिक पैकेज के कुल 11 बिंदुओ पर दी जानकारी। उन्होंने कहा मैं आज 11 उपायों की घोषणा करूंगा, जिनमें से 8 बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षमता और बेहतर लॉजिस्टिक के निर्माण से संबंधित हैं, जबकि बाकी 3 शासन और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित होंगे,आत्मनिर्भर भारत अभियान में आज हम कृषि से संबंधित फैसलों पर बात करेंगे। किसानों के लिए पिछले 6 वर्षों में कई कदम उठाए गए हैं। बीते दिन भी हमने 2 फैसले किसानों के हित में बताये थे। आज भी हम किसानों से संबंधित कुछ फैसलों की बात आपको बताएंगे।



Covid-19 के दौरान पिछले 2 महीनों में लगभग 74 हजार करोड़ रुपया किसानों के लिये खर्च किया गया है,लॉकडाउन अवधि के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 74,300 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद की गई; पीएम किसान निधि में 18700 करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया गया। कृषि, सिंचाई, पशुपालन पर एलान किया। दूध, जूट, दालों का सबसे बड़ा उत्पादक। लॉक डाउन के दौरान पीएम किसान फंड में 18,700 करोड़ ट्रांसफर किए गए है,लॉकडाउन अवधि के दौरान दूध की मांग 20-25% कम हो गई। 2020-21 में डेयरी सहकारी समितियों को 2% प्रति वर्ष दर से ब्याज उपदान प्रदान करने की नई योजना लाई गई है। इस योजना में 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी से 2 करोड़ किसानों को लाभ होगा।



लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे, छोटे और मंझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती,कृषि का आधारभूत ढ़ांचा बनाने के लिए 1 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है,लॉकडाउन में 74,300 करोड़ के कृषि उत्पाद खरीदे गए,दाल उत्पादन में हम दुनिया में तीसरे नंबर और गन्ना उत्पादन में हम दूसरे नंबर पर हैं,वित्त मंत्री ने कहा कि 560 लाख लीटर दूध लॉकडाउन के दौरान डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटीज के द्वारा खरीदा गया है,किसानों के पास भंडारण की कमी और मूल्य संवर्धन के अवसरों की कमी को पूरा करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कृषि आधारभूत ढांचा तैयार किया जाएगा। जिससे कोल्ड चैन के साथ फसल कटाई के बाद की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।



क्रेडिट कार्ड के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है,10 हजार करोड़ रुपये की योजना सूक्ष्म खाद्य ईकाईयों के लिए खर्च की जाएगी, इससे दो लाख सूक्ष्म खाद्य ईकाईयों को लाभ मिलेगा। जैसे कश्मीर में सेब, बिहार का मखाना, नार्थ इंडिया में बांस आदि। पिछले दो महीनों में मत्स्य पालन के लिए 242 नई श्रिंप हैचरी को रजिस्ट्रेशन दिया गया।जिन हैचरी की एक्सपायरी 31 मार्च को हो रही थी उसको तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया है।


दो करोड़ किसानों को ब्याज में सब्सिडी दी गई,मवेशियों को बीमारियों से बचाने के लिए 13,343 करोड़ रुपये का प्रावधान, वेलनेस, हर्बल, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट करने वाले 2 लाख माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज को होगा फायदा, जैसे बिहार में मखाना उत्पाद, कश्मीर में केसर, कर्नाटक में रागी उत्पादन, नॉर्थ ईस्ट में ऑर्गेनिक फूड, तेलंगाना में हल्दी।सरकार माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (MFEs) के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना लेकर आई है,बिहार में मखाना, कश्मीर में केसर, तमिलनाडू में हल्दी, आंध्र में मिर्च और यूपी के आम को दुनिया तक पहुंचाने का लक्ष्य।दवाओं के उत्पादन में इस्तेमाल आने वाले हर्बल और मेडिसिनल प्लांट की खेती गंगा नदी के दोनों किनारों पर करने के लिए खेती पर 4000 करोड़ खर्च होगा।शहद उत्पादन बढ़ाने के लिए मधुमक्खी पालन पर 500 करोड़ की योजना है जिसका फायदा 2 लाख लोगों को फायदा मिलेगा।


 


PM मोदी के आत्मनिर्भर_भारत अभियान की घोषणा के तीसरे दिन वित्तमंत्री ने बताया कि 20लाख करोड़ रुपये के बचे हुए भाग में से किसको क्या-क्या मिलेगा


1-कृषि के बुनियादी ढांचे को 1 लाख करोड़


2-छोटी फूड यूनिट को 10 हजार करोड़


3-मछुआरों को 20 हजार करोड़


Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें