केन्द्र व राज्य सरकारों को प्रवासी श्रमिकों की बिल्कुल भी चिन्ता नहीं है - मायावती


कोरोना काल के शुरुआत से ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती राजनीति से खुद भी दूर रहीं और अन्य दलों/सरकारों को भी राजनीति छोड़ धरातल पर काम करने का सुझाव देती रही है। कोरोना काल हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए आफत काल में बदल चुका है। कोरोना महामारी के बीच प्रवासी श्रमिकों की बदहाली व रास्ते में हो रही उनकी मौत किसी से छिपी नहीं है उसके बाद भी हमारे देश में राजनीति की गाड़ी पूरी रफ़्तार से चल रही है। इन सब घटनाओं से क्षुब्ध बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर दुःख जताते हुए कहा कि जिस प्रकार से लाॅकडाउन से पीड़ित व घर वापसी को लेकर मजबूर प्रवासी श्रमिकों की बदहाली व रास्ते में उनकी मौत आदि के कड़वे सच मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया के सामने हैं वह पुनःस्थापित करते हैं कि केन्द्र व राज्य सरकारों को इनकी बिल्कुल भी चिन्ता नहीं है, यह अति-दुःखद। देश में लाॅकडाउन के आज 65वें दिन यह थोड़ी राहत की खबर है कि माननीय न्यायलयों ने कोरोनावायरस की जाँच/इलाज में सरकारी अस्पतालों की बदहाली, निजी अस्पतालों की उपेक्षा व प्रवासी मजदूरों की बढ़ती दुर्दशा व मौतों के सम्बंध में केन्द्र व राज्य सरकारों से सवाल-जवाब शुरू कर दिया है। 


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