लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश में एक सड़क दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की मृत्यु पर गहरा शोक प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की तथा अधिकारियों को म.प्र. सरकार से समन्वय स्थापित कर सभी घायलों का समुचित उपचार कराने तथा मृतकों के पार्थिव शरीर परिजनों तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं मृतकों के परिजनों को रुपया 2-2 लाख तथा हादसे में गंभीर रूप से घायल लोगों को रुपया 50-50 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने जनपद मुजफ्फरनगर में एक सड़क दुर्घटना में पंजाब से बिहार जा रहे प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है एवं शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने सभी घायलों का समुचित उपचार कराने तथा मृतकों के पार्थिव शरीर बिहार राज्य भेजने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मंडलायुक्त, सहारनपुर को दुर्घटना के कारणों की जांच तथा इसके लिए दोषी का उत्तरदायित्व निर्धारित करने के भी निर्देश दिए हैं। ज्ञातव्य है कि इस दुर्घटना से संबंधित बस के चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तर प्रदेश के मुखिया मुखिया योगी आदित्यनाथ ने रोजगार संगम ऑनलाइन लोन मेला का शुभारंभ किया | इस अवसर पर उन्होंने कहा कल पैकेज की घोषणा हुई और आज MSME विभाग, स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी के साथ संवाद बनाकर 56,754 लाभार्थियों को 2,002 करोड़ का लोन वितरण एक साथ कर रहा है,इतने लाभार्थियों का अर्थ है कि हम लोग 2 लाख से अधिक लोगों को रोजगार सृजन का अवसर दे रहे हैं। यही हमारी ताकत है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हमने उत्तर प्रदेश में 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' की जो अभिनव योजना आरंभ की थी, यह उसी कड़ी का हिस्सा है। मेरा मानना है कि यह उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी ताकत थी और इसी का परिणाम था कि जब 1947 में देश आजाद हुआ था तब उ.प्र. की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से ज्यादा थी। लेकिन हमने अपनी ताकत को नहीं पहचाना और उसे कम आंकने की कीमत हम लोगों ने इस रूप में चुकाई कि 2015-16 आते-आते उ.प्र. की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की एक तिहाई पर आकर ठहर गई। मैं अपनी इस पूरी टीम को बधाई देता हूं जिन्होंने मेहनत करते हुए, पिछले साढ़े तीन वर्षों के अंदर, उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी करने में बहुत मदद की है। आज यह देश की औसत आय के आधे से अधिक तक पहुंच चुकी है। मेरा मानना है कि हम 5 वर्ष में नेशनल एवरेज के बराबर होंगे। इसमें सबसे बड़ी भूमिका हमारे एमएसएमई सेक्टर की रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा 24 जनवरी, 2018 को जब हम लोगों ने उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया था, तब हम लोगों ने 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' की घोषणा की थी। 2020 के यूनियन बजट में भी भारत सरकार ने 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' के लिए धन की व्यवस्था की तथा राज्यों से कहा कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अपने यहां के लोकल प्रोडक्ट के बारे में, उसको प्रमोट करने के बारे में सोचें। उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की बहुत सारी चीजें हैं, जिनमें केवल 'लोकल' ही नहीं बल्कि 'ग्लोबल' बनने की क्षमता है, लेकिन हम अपनी चीजों को समय के अनुसार नई तकनीक एवं नई डिजाइन के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रयास प्रारंभ तो करें। इस क्षेत्र में बहुत सम्भावनाएं हैं और बहुत पोटेंशियल है। हमें इस पर आगे कार्य करना चाहिए। इस दृष्टि से आज आप सबकी मदद करने के लिए एमएसएमई 'ई-साथी' पोर्टल भी लाॅन्च हुआ है। लाॅकडाउन के समय में टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए कैसे बेहतर कार्य किया जा सकता है, यह एमएसएमई और बैंकर्स कमिटी ने मिलकर तय किया और एक साथ 56,754 लाभार्थियों को 2,002 करोड़ के लोन की सारी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जा रही हैं। 56,754 लोगों को ऋण देने का अर्थ है कि हम 02 लाख लोगों को सीधे रोजगार देने की गारंटी भी इसके साथ जोड़ रहे हैं। मैं इसके लिए MSME विभाग के मंत्री, सचिव, अपर मुख्य सचिव वित्त तथा बैंकर्स कमिटी से जुड़े पदाधिकारियों को हृदय से धन्यवाद और बधाई देता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा आज पूरी दुनिया चीन से पलायन कर रही है। एक तरह से नफरत सी कर रही है। पूरी दुनिया जिस वैश्विक महामारी को झेल रही है, प्रत्येक व्यक्ति देख रहा है कि इसके पीछे कहीं न कहीं चीन है। इन स्थितियों में दीपावली के अवसर पर गौरी-गणेश की प्रतिमाएं चीन से क्यों आएंगी? क्या गोरखपुर का टेराकोटा इसकी आपूर्ति नहीं कर सकता? हम उन्हें डिजाइन देंगे और उसके अनुसार वे उत्पाद तैयार करेंगे। चीन से बेहतर प्रोडक्ट देने की क्षमता उनके पास है। विगत वर्ष हमने 5 लाख 51 हजार दीपक जलाए थे। सभी अयोध्या में ही हमारे माटी कला बोर्ड से जुड़े उद्यमियों द्वारा बनाए गए थे। दुनिया भर में जो बांसुरी बजती है वह उ.प्र. के पीलीभीत में बनती है और ढोलक अमरोहा में बनती है। हमें उसको पहचानने की ताकत होनी चाहिए। MSME सेक्टर के लिए कल इतना भारी भरकम पैकेज घोषित हुआ है तो उसका सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में आना चाहिए। यह उत्तर प्रदेश के लिए एक अवसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा उ.प्र. में हम रोजगार की संभावनाओं को विकसित करें। अभी हमारे पास 12 लाख के आस-पास प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं और मेरा मानना है कि लगभग 10 लाख और आने वाले हैं।स्क्रीनिंग में अब तक ड्राइवर, टेलर, प्लम्बर, राजमिस्त्री तथा अलग-अलग क्षेत्रों में बहुत अच्छी स्किल के साथ काम करने वाली दक्ष मैनपाॅवर हमें प्राप्त हो रही है। इन सबको कार्य के लिए मंच देना है। MSME 'साथी' ई- पोर्टल, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, ODOP व अन्य योजनाओं के माध्यम से हमारा प्रयास होना चाहिए कि सभी प्रवासी श्रमिकों और जो लोग पहले से कार्य कर रहे हैं उन सबको कोई न कोई रोजगार, नौकरी व अन्य कार्यों के साथ जरूर जोड़ा जाए। उत्तर प्रदेश अभी मनरेगा के अंतर्गत रोजगार देने में अग्रणी प्रदेशों में है।आज MSME, गन्ना विभाग और आबकारी विभाग ने मिलकर सैनिटाइजर की समस्या का सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में समाधान कर दिया है। सैनिटाइजर की जो बोतल 400 रूपये में बिक रही थी वह आज 10 रूपए में बिक रही है और फ्री में उपलब्ध हो रही है। जैसे ही संक्रमण बढ़ा तो पीपीई किट और ट्रिपल लेयर मास्क की समस्या सामने आई। आज पीपीई किट की 26 यूनिट उत्तर प्रदेश में उपलब्ध हैं। हम न केवल गवर्नमेंट हाॅस्पिटल व मेडिकल काॅलेजों में अपितु प्राइवेट हाॅस्पिटल व मेडिकल कॉलेजों में भी पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। आज उत्तर प्रदेश में वेंटिलेटर्स भी बनने प्रारम्भ हो चुके हैं।