उत्तर प्रदेश में श्रमिकों की स्थिति गुलामों जैसी - आप


लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार उद्योगपतियों के हित में श्रम कानून तीन साल के लिए स्थगित कर मजदूरों को बंधुआ मजदूर बनाना चाहती है | योगी सरकार द्वारा मजदूरों के खिलाफ लाये गए अध्यादेश की वापसी एवम लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से अपने राज्य यूपी लौट रहे मजदूरों की हादसे में हुई मौत पर उनके परिजनों को  50 लाख रुपया मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता प्रदेश भर में एक दिवसीय उपवास रखेगे  |

 

आम आदमी पार्टी के  प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने बताया कि योगी सरकार के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ 11 मई, दिन सोमवार को उत्तर प्रदेश के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्त्ता अपने घरों में उपवास कर विरोध दर्ज कराएँगे और साथ ही सरकार से मांग करेंगे कि लॉकडाउन के दौरान घर वापसी के दौरान जिन मजदूरों की मौत हो गई है, उनके परिवार को 50 लाख रुपया और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए ।

 

 उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश से उत्तर प्रदेश में श्रमिकों की स्थिति गुलामों जैसी हो जाएगी। इस तरह प्रदेश में श्रमिकों को पूरी तरह मालिकों के रहमो करम पर छोड़ दिया गया है। पूंजीपति चाहें तो मजदूरों का मनचाहा शोषण कर सकेंगे। सरकार और कानून के पास कोई शिकायत नहीं कर सकेगा। किसी प्रकार की शिकायत मजदूर की नहीं सुनी जाएगी ।

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