विश्वात्मा भरत गांधी की रिहाई के खिलाफ साजिश


असम। नागालैंड में वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के नीति नीतिर्देशक विश्वात्मा भरत गांधी की 13 मार्च को हुई गिरफ्तारी के मामले में एक नया मोड उस समय आ गया, जब उनको रिहा करने के लिए दीमापुर में ठहरे हुए पार्टी के दो कार्यकर्ता विश्वात्मा की रिहाई से ठीक एक दिन पहले रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए। पार्टी ने इस घटना को विश्वात्मा भरत गांधी की रिहाई और उनके वोटरशिप अभियान को रोकने के लिए की जा रही साजिश का हिस्सा बताया।


असम प्रदेश अध्यक्ष ललित पेगु ने बताया कि 13 मार्च 2020 को विश्वात्मा भरत गांधी को दीमापुर में चल रहे राजनीति सुधारकों के प्रशिक्षण शिविर के बाद अचानक दीमापुर पुलिस द्वारा पूछताछ के नाम पर गिरफ्तार का लिया था। पुलिस ने श्री विश्वात्मा को बिना ठोस कारण के 10 दिन पुलिस हिरासत में रखा। उसके बाद 24 मार्च को उनको सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। दिल्ली से आए दो कार्यकर्ता, शिवाकान्त गोरखपुरी जो पार्टी की अखिल भारतीय समिति के सचिव हैं और उनके सहायक नवीन कुमार, 14 मार्च से विश्वात्मा की रिहायी के लिए नागालैंड में ही रह रहे थे। बाद में लॉकडाउन शुरू होने के कारण वे वहीं पर फंस गए। वे दीमापुर में ही एक होटल में रह रहे थे और लगातार वकीलों और मीडिया से संपर्क कर श्री विश्वात्मा को रिहा कराने का प्रयास कर रहे थे। 20 मई को श्री विश्वात्मा जमानत पर बाहर आने वाले थे।


लित पेगू ने बताया कि विश्वात्मा की रिहाई से ठीक एक दिन पहले 19 मई की शाम करीब 4 बजे कुछ लोग शिवाकान्त और नवीन से मिलने आए और कुछ देर बाद दोनों कार्यकर्ता उन्हीं लोगों के साथ उनकी गाड़ी में बैठकर चले गए। उसके बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया।  होटल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने से पता चलता है कि उनसे मिलने आए लोग संख्या में 4 थे।


श्री पेगू ने कहा कि पार्टी के नेता श्री विश्वात्मा की गिरफ्तारी एक राजनीतिक साजिश का नतीजा थी। पार्टी के दोनों कार्यकर्ताओं के अचानक गायब होने के पीछे भी वही लोग हैं जो चाहते हैं कि विश्वात्मा जेल से बाहर न आ पाएँ, जिससे उनके द्वारा देश के सभी वोटरों को देश की औसत आय में से हिस्सा दिलाने का आंदोलन समाप्त हो जाए। उन्होने कहा कि लोकडाउन के बहाने देश की प्रशासन तानाशाहों जैसा व्यवहार कर रहा है। प्रशासन  ने लोकडाउन के बहाने एक ऐसे व्यक्ति को पिछले 2 माह से जेल में रखा हुआ है, जो सदियों से आर्थिक तंगी झेल रहे मजदूरों, श्रमिकों, गरीबों और निम्न आर्थिक वर्ग के लोगों को न्याय दिलाने के लिए कार्य कर रहे थे। अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होने शादी नहीं की, परिवार नहीं बसाया, कोई संपत्ति नहीं बनाई। अपने जीवन का एक एक पल देश ही नहीं विश्व के वंचित और आर्थिक तंगी झेल रहे लोगों के नाम कर दिया। उनके प्रयासों से वोटर  जागरूक हो रहा है तथा सरकारों से सवाल कर रहा है। इसलिए प्रशासन ने एक साजिश के तहत पहले विश्वात्मा को जेल में डाल दिया और अब उनकी रिहाई का प्रयास कर रहे पार्टी कार्यकर्ता भी अचानक गायब हो गए हैं। उन्होने मीडिया से अपील की कि वे सत्य का साथ दें और भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था से लड़ रही पार्टी का समर्थन करें।


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