बाल विवाह जैसे कुप्रथा को रोकने में जनपद वासी करे सहयोग - जिलाधिकारी 


श्रावस्ती। कम उम्र में लड़कियों की शादी उनके सेहत के साथ होने वाले बच्चे की सेहत पर भी प्रतिकूल असर डालता है। 18 साल से कम उम्र में शादी होने से गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान कई स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ने का खतरा होता है। इससे मां के साथ नवजात के जान जाने का भी खतरा होता है। बाल विवाह के कारण लड़कियां कम उम्र में गर्भवती हो जाती हैं, जबकि उनके शरीर का पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है। इससे मातृ एवं शिशु मृत्युदर बढने की भी प्रबल सम्भावना रहती है। इसलिए जनपद में बाल विवाह को रोकने में जनपदवासी अपना सहयोग करें और वे स्वयं तथा पास-पड़ोस, गली-मोहल्लों एवं गाॅवों में यदि कोई अपनी बेटी का बाल विवाह करता है तो उसकी सूचना अवश्य दें। अब बाल विवाह की सूचना देने वाले व्यक्तियों को 2000/-रूपये का पुरूस्कार दिया जायेगा और उनका नाम भी गोपनीय रखा जायेगा, तथा उन्हें प्रशंसा पत्र भी दिया जायेगा।


उक्त विचार कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बाल विवाह की रोकथाम हेतु जिला/ब्लाक टास्क फोर्स बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी यशु रूस्तगी ने दिया। उन्होंने बाल विवाह जैसे कुप्रथा को रोकने के लिए जनपद वासियों से अपील की है। इसके साथ ही उन्होने ग्राम प्रधानों, सभासदों, बुद्वजीवीगणों, धर्मगुरूओं एवं जिले में आवासित जनमानस से भी इस कुरीति को रोकने में बढ़-चढ़ कर भागीदारी निभाकर सहयोग करने की अपील की है ताकि इस कुरीति को रोककर बेटियों के भविष्य को सवारा जा सके। उन्होने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि बाल विवाह को हम सभी को रोकना चाहिए। कम उम्र में मां बनने से लड़कियों के सेहत पर बुरा असर पड़ता है। उनके शरीर में बहुत से पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। कम उम्र में मां बनने से होने वाले बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं। और मातृ मृत्यु दर की संभावना बहुत अधिक होती है। देश में विवाह के लिए लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़के की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए।



जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में बाल विवाह होने का मुख्य कारण अशिक्षा, जनसंख्या वृद्धि है। सबसे पहले लोगों को बाल विवाह से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक करें। उन्होने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि गांव में यदि विवाह होता है तो ग्राम सचिव विवाह का पंजीकरण जरूर करें इसके साथ ही उम्र का विशेष ध्यान रखें। बैठक में उपस्थित मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिया कि आशा, ए0एन0एम0, आगंनवाडी द्वारा इसका ध्यान रखें कि उनके क्षेत्र/गांव में किसी भी दशा में बाल विवाह न होने पावें यदि बाल विवाह की जानकारी होती है तो प्रशासन को जरूर अवगत करावें, यदि इनके द्वारा अवगत नही कराया जायेगा तो कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।


जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी एवं जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देशित किया कि वाल पेंन्टिग में बाल विवाह के बारे में भी लिखवाया जाए जिससे लोगों को जागरूक किया जा सके। इसके साथ ही उन्होने जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देश दिया कि प्रत्येक होने वाले विवाह का पंजीकरण ग्राम पंचायत स्तर पर हो जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनपद में बाल विवाह नही किया गया है। जिलाधिकारी ने ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्तियों/छात्रों द्वारा गुप्त तरीके से सूचना देता है और सूचना सत्य पाई जाती है, तो उसका नाम गुप्त रखा जायेगा और उनको 2000/-(दो हजार) का नगद पुरूस्कार दिया जायेगा तथा बाल विवाह रोकने हेतु प्रयासरत संस्थाओं/व्यक्तियों को प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा।


बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अवनीश राय, उप जिलाधिकारी भिनगा प्रवेन्द्र कुमार, नायब तहसीलदार इकौना मुकेश शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा, जिला पंचायतराज अधिकारी आशीष श्रीवास्तव, जिला विद्यालय निरीक्षक चन्द्रपाल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओमकार राणा, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, महिला कल्याण अधिकारी सरिता मिश्रा, जिला समन्वयक कुसुम श्रीवास्तव, यूनिसेफ से अनिल, ममता फाउण्डेशन रिजवाना परवीन, महिला सामाख्या से इन्दू, गुलशन जंहा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।


(एम० अहमद)


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