181 महिला हेल्पलाइन कर्मी सरकारी उत्पीड़न की शिकार
लखनऊ। बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार के महिला कल्याण विभाग द्वारा महिलाओं की मदद के लिए महिला हेल्प लाइन शुरू किया गया था , जिस पर महिला कभी भी (24*7) कॉल कर के अपनी किसी भी प्रकार की समस्या बता सकती हैं व सहायता प्राप्त कर सकती हैं। अब उसी 181 महिला हेल्प लाइन के कर्मचारियों का उत्पीड़न सरकारी सिस्टम द्वारा किया जा रहा है। जो महिलाएँ प्रदेश भर की महिलाओं को सहायता प्रदान कर रहीं थी आज वो खुद असहाय है। 181महिला हेल्प लाइन कर्मियों को 12 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। वो लखनऊ के इको गार्डेन में सैकड़ों की तादाद में धरना दे रही हैं। विगत 20 जुलाई को भी इन महिलाओं ने धरना - प्रदर्शन किया था। उसका परिणाम सामने नहीं आने के बाद आज फिर महिलायें धरने पर बैठी हैं। क्या सरकार द्वारा धरने पर बैठने के लिए की गयी थी इन महिलाओं की नियुक्ति ? कोरोना काल में आखिर ये महिलाएं कहाँ जाएँ। इनसे साल भर काम करा लेने के बाद वेतन तो दिया नहीं गया ऊपर से नौकरी से निकालने की बात कही जा रही है। क्या यह जायज है ?
इन महिलाओं को वेतन नहीं मिलने की वजह से यूपी के 75 जिलों में बंद पड़ी है 181 महिला हेल्पलाइन। ऐसे में कैसे हो महिला सुरक्षा ?