अनलॉक-3 के दौरान ‘लोगों और वस्तुओं एवं सेवाओं की बेरोकटोक आवाजाही’ की अनुमति
केंद्र ने राज्यों से कहा है कि अनलॉक-3 दिशा-निर्देशों से जुड़ी मौजूदा अवधि के दौरान लोगों और वस्तुओं एवं सेवाओं की अंतर-राज्य आवाजाही के साथ-साथ राज्य के अंदर आवागमन पर भी कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए।
सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आज भेजे गए एक पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा है कि इस आशय की जानकारी मिली है कि विभिन्न जिलों/राज्यों द्वारा आवाजाही पर स्थानीय स्तर पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं। इस तरह की पाबंदियां वस्तुओं एवं सेवाओं की अंतर-राज्य आवाजाही में समस्याएं पैदा कर रही हैं और इसके साथ ही आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) को भी प्रभावित कर रही हैं। इसके परिणामस्वरूप आर्थिक गतिविधियों और रोजगार में व्यवधान उत्पन्न हो रहे हैं। इसके अलावा, वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि जिला प्रशासन या राज्यों द्वारा स्थानीय स्तर पर लगाई गई इस तरह की पाबंदियां दरअसल आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत एमएचए द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।
गृह मंत्रालय द्वारा 29 जुलाई, 2020 को जारी ऑर्डर, जिसमें ‘अनलॉक-3’ के लिए दिशा-निर्देशों को निर्दिष्ट किया गया है, की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए इस पत्र में यह बात दोहराई गई है कि लोगों और वस्तुओं की अंतर-राज्य आवाजाही के साथ-साथ राज्य के अंदर आवागमन पर भी कोई पाबंदी नहीं होगी। इस तरह की आवाजाही के लिए अलग से अनुमति/अनुमोदन/ई-परमिट लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इसमें पड़ोसी देशों के साथ की गई संधियों के तहत सीमा पार व्यापार के लिए वस्तुओं और लोगों की आवाजाही शामिल है।