अन्य राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण की स्थिति बेहतर
लखनऊ। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आबादी के लिहाज से देश के सबसे विशाल राज्य उत्तर प्रदेश में घटित अपराधों की तुलना बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से नहीं की जा सकती। जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रदेश होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में अपराध नियंत्रण की स्थिति बेहतर है।
गृह विभाग के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि राज्यों के बीच अपराधों की स्थिति की तुलना करने में अपराध के कुल आकड़ों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है क्योंकि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा क्राइम रेट का प्रयोग किये जाने की बात कही गयी है।
राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के अनुसार सम्बन्धित वर्ग की प्रति एक लाख जनसंख्या के सापेक्ष अपराधों की संख्या को अपराध दर ;ब्तपउम त्ंजमद्ध के रूप में परिभाषित किया गया है। यह एक स्थापित वास्तविक संकेतक है, जो राज्य के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के प्रभाव को संतुलित करता है। अतः क्राइम रेट ही अपराधों की सही स्थिति समझने के लिए एक प्रामाणिक संकेतक है।
गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया है कि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के द्वारा प्रकाशित ब्तपउम प्द प्दकपं 2018 के अनुसार भारतवर्ष में कुल 31,32,954, भा0द0वि0 के अपराध पंजीकृत हुए। इनमें से 3,42,355 भा0द0वि0 के अपराध उत्तर प्रदेश में घटित हुए जो कि देश में ऐसे पंजीकृत अपराधों का 10.92 प्रतिशत है, जबकि जनसंख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश की आबादी देश की आबादी का 16.85 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो नई दिल्ली के अध्याविधिक आंकडों के अनुसार वर्ष-2018 में विभिन्न अपराध शीर्षकों में देश के 28 राज्य एवं 9 केन्द्रशासित प्रदेश कुल 37 प्रदेशों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति डकैती में 31वाॅ, लूट में 20वाॅ, हत्या में 26वाॅ, हत्या के प्रयास में 21वाॅ, नकबजनी में 32वाॅ, बलात्कार में 24वाॅ, शीलभंग में 14वाॅ, पाॅक्सों अधिनियम के अपराधों में 23वाॅ, महिला सम्बन्धी अपराधों में 15वाॅ एवं कुल भादवि के अपराधों में 24वाॅ स्थान है।
उदाहरणार्थ- डकैती में 31वाॅ स्थान से तात्पर्य यह है कि देश में 30 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में डकैती की क्राइम रेट उत्तर प्रदेश से अधिक है इसी प्रकार लूट में 20वाॅ स्थान से तात्पर्य यह है कि देश में 19 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में लूट की क्राइम रेट उत्तर प्रदेश से अधिक है।
राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो नई दिल्ली के अध्याविधिक आंकडों के अनुसार वर्ष-2018 में प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों के विरूद्ध की गयी कार्यवाही में देश के अन्य राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश में महिला सम्बन्धी अपराधों में दोषसिद्ध, साइबर अपराधों में दोषसिद्ध, शस्त्रों के जब्तीकरण एवं जाली मुद्रा जब्तीकरण में अपराध पंजीयन में प्रथम स्थान, भादवि के अपराधों में गिरफ्तारी, भादवि के अपराधों में गिरफ्तार अभियुक्तों का दोषसिद्ध, भादवि और एसएलएल के अपराधों में गिरफ्तार अभियुक्तों का दोषसिद्ध में द्वितीय, एसएलएल के अपराधों में गिरफ्तार अभियुक्तों का दोषसिद्ध में तृतीय तथा सम्पत्ति की बरामदगी में 6वाॅ स्थान प्राप्त किया गया है।
गृह विभाग के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि एन0सी0आर0बी0 द्वारा जारी रिर्पोट 2018 के अनुसार पुलिस द्वारा अपराधियों के विरूद्ध की गयी कार्यवाही एवं अपराधियों को सजा दिलाये जाने में उत्तर प्रदेष देश के अन्य राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से काफी बेहतर है। स्पष्ट है कि सरकार के निरन्तर प्रयासों द्वारा जनसामान्य में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।
अपराधियों पर जीरो टॉलरेंस की सख्त नीति का यह सुखद परिणाम रहा है कि अब यूपी का नौजवान अपराध का रास्ता छोड़कर पुलिस तथा अन्य भर्तियों में अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का समावेश कर रहे हैं। यूपी से बाहर पलायन कर गये नौजवान हजारों की संख्या में यहाँ वापस आ कर रोजगार कर रहे हैं या खुद का व्यवसाय कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने क्राइम कंट्रोल करने और लॉ एंड ऑर्डर स्थापित करने में निष्पक्ष कार्यवाही का सिद्धांत रखा और किसी भी जाति, धर्म, वर्ग, अमीर, गरीब, रसूखदार, राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक व्यक्ति में किसी प्रकार का पक्षपात नहीं रखा और कानून तोड़ने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की।
संगठित अपराध का खात्मा करने के उपरांत एसटीएफ आज परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक जैसी धांधली को रोकने एवं जड़ से समाप्त करने के लिये सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। यह कार्य प्रत्यक्ष रूप से युवाओं के भविष्य सृजन से सम्बंधित है और इससे युवा वर्ग में सरकार की साख बहुत बढ़ी है।