एटा नगर निगम का जे.ई. ने इंसानियत को किया शर्मसार


लखनऊ। शुक्रवार रात 8 बजे के लगभग लखनऊ के रूचि खण्ड में एक चार पहिया वाहन, यू पी 32 के एल  3683 ने मोहल्ले के सड़क के किनारे सो रहे स्ट्रीट डॉग ( नाम रॉकेट ) के जबड़े पर कार का पहिया चढ़ा दिया, जिसके कारण जबड़ा काफी चोटिल हो गया, उस वक्त पशु प्रेमी मंजू पाल वही सड़क पर खड़ी थी, कार को रोका, कार मालिक ने मंजू से बत्तमीजी से बात करते हुए, अपने को एटा नगर निगम का जे.ई. हूँ, जिसको जो करना है कर ले, कह कर अपना नम्बर दे कर चला गया। इसके बाद मंजू पाल ने एम आर एस पी सेवा समिति को सम्पर्क किया, समिति के प्रदीप कुमार पात्रा के कहने पर कई बार 112 से भी सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन कई प्रयास के बाद भी सम्पर्क नही हुआ। इसके बाद श्री पात्रा ने 112 को सूचना दिया। सुबह शनिवार को थाना आशियाना में जाकर मुकदमा दर्ज कराया।  इस बीच स्ट्रीट डॉग दिन में गर्मी में कही छिप गया था, इस लिये डॉग का मेडिकल नही हो सका। शाम 5.30 बजे स्ट्रीट डॉग ( रॉकेट) दिखाई दिया, जिसको मंजू पाल ने अपने घर मे रख लिया। जिससे रविवार को डॉग का मेडिकल किया जा सके।


अब सवाल ये है कि कार मालिक अगर एटा नगर निगम का जे ई हैं, तो क्या उसने अपने विभाग से शहर छोड़ने की अनुमति ली थी, कब ली थी ? क्या ये निजी अवकाश में लखनऊ आये थे ? या सरकारी डियूटी पर लखनऊ आये थे ? मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के सरकारी आदेशानुसार क्या लखनऊ आ कर 14 दिन का कोरोंटाइन दिवस लखनऊ में काटा ? अब एटा में जा कर क्या 14 दिन का कोरोंटाइन दिवस पर रहेंगे ? ये अब जांच का अलग विषय होगा।


समिति की अध्यक्ष कविता दास ने कहा कि ईश्वर में सबसे बुद्धिजीवी के रूप में इंसान को बनाया है, लेकिन आज के समय मे इंसान में बहुत अहंकार आ गया, सवेदना बहुत कम लोगो मे देखने को मिलती है। सभी जगहों पर जमीन इंसान कब्जा करते जा रहे हैं, इस हाल में ये बेजुबाँ जीव कहा जाये। सड़क के किनारे पर सोते हैं तो आँख होते हुए भी अंधे हो कर गाड़ी चलते हैं, कुचल देते हैं, फिर कहते हैं कि क्या सड़क, गली उनकी रहने की जगह है। इस लिये सड़क पर तेज वाहन न चलाये, सावधानी से चले, जिस तरह आपके घर मे सब परिवार के लोग आपका इंतजार करते हैं कि आप कब घर आयेंगे , उसी तरह इन बेजुबाँ जानवरों का भी परिवार है।जियो ओर जीने दो पर अमल करें इंसान व जानवरों का समान अधिकार है इस पृथ्वी पर।


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