जिला प्रशासन की मिलीभगत से पुरूषोत्तम गुप्ता द्वारा कराये जा रहे अवैध निर्माण की जांच शुरू


रायबरेली / लखनऊ : लोकशक्ति अभियान ' एक स्वैच्छिक संगठन ' के अध्यक्ष व 36 रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के पूर्व स्वतंत्र प्रत्याशी : नैमिष प्रताप सिंह द्वारा रायबरेली शहरी क्षेत्र के एन.जेड.ए.प्लाट संख्या - 384 / 2 / 0.651हे. मोहाल वलीउद्दीन , अख्तियारपुर , सदर तहसील , रायबरेली में पुरूषोत्तम गुप्ता द्वारा कराये जा रहे अवैध निर्माण को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक ( लखनऊ जोन ) के यहां  प्रस्तुत प्रार्थनापत्र अग्रसारित होकर रायबरेली जनपद के अपर पुलिस अधीक्षक के यहां पहुँच गया है. अपर पुलिस अधीक्षक के यहां से आज नैमिष प्रताप सिंह से फोन पर संपर्क किया गया तो इस पर उनकी ओर से पीड़ित पक्ष के मुख्तार शहकार अहमद ने अपने अधिवक्ता बी. के. सिंह के साथ वहां जाकर अपना पक्ष रख दिया है .19 अगस्त को इसी मामले में नैमिष प्रताप सिंह द्वारा पुलिस महानिरीक्षक ( लखनऊ परिक्षेत्र ) के यहां प्रस्तुत पत्र किये गए पत्र के आधार पर सीओ कार्यालय , रायबरेली के यहां से तथाकथित जांच हुई है जो कि लीपापोती के सिवाय कुछ नहीं था , एैसा उनका दावा है.


लोकशक्ति अभियान ' एक स्वैच्छिक संगठन ' के अध्यक्ष नैमिष प्रताप सिंह का दावा है कि यह अवैध निर्माण जिला प्रशासन की मदद से ही पुरूषोत्तम गुप्ता अंजाम दे रहे है .नैमिष प्रताप सिंह ने कहाकि यह निर्माण कार्य घंटाघर इलाके के गांव अख्तियारपुर में जिस भूमि पर हो रहा है वहाँ कुछ समय पहले एक इमारत थी , जहाँ ये पुरूषोत्तम गुप्ता और रबीन्द्र गुप्ता दोनों किरायेदार थे और इसके मालिक गुलाम हैदर पुत्र अमीर हैदर है जो दिवंगत हो चुके है . गुलाम हैदर के पौत्र सरोश हैदर पुत्र सगीर अहमद ने साल 2017 में वरासत हेतु न्यायालय में आवेदन किया , जिस पर साल 2018 में वरासत का आदेश पारित कर दिया गया किंन्तु लिपिकीय त्रुटिवश गाटा संख्या 384 के स्थान पर 284 दर्ज हो गया किन्तु रकबे में कोई गलती नहीं है. इसे सही करने का मामला उप जिलाधिकारी न्यायिक सदर के न्यायालय में  विचाराधीन है. 
 
उन्होंने आगे बताया कि अख्तियारपुर की जिस इमारत में रवीन्द्र और पुरूषोत्तम किरायेदार थे वहां  इमारत के ध्वस्त होने के बाद नगर मजिस्ट्रेट युगराज सिंह ने 09 / 07 /2020 को अपने एक आदेश के द्वारा रवीन्द्र कुमार के दावों को खारिज करते हुए अधिशाषी अधिकारी , नगर पालिका परिषद को उनके दुकान के मलबे को तत्काल हटाने का निर्देश जारी किया .यहां यह बताना जरूरी है कि इसको लेकर 27 / 07 / 2020 को न्यायालय सिविल जज के यहां सुनवाई होनी थी लेकिन यह आदेश उसके पहले आ गया जो पुरूषोत्तम गुप्ता और नगर मजिस्ट्रेट युगराज सिंह के मध्य सांठगांठ को उजागर करता हैँ. अब एक सवाल यह भी है कि रबीन्द्र कुमार उर्फ रवीन्द्र गुप्ता ने जब 16/07/2020 को नगर मजिस्ट्रेट युगराज सिंह द्वारा की गई मा. न्यायालय की अवमानना की ओर ध्यान आकृष्ट करवाते हुए पूर्व जिलाधिकारी के समक्ष लिखित शिकायत की और जिस जगह पर उनकी दुकान थी , वहां दुकान लगाने का अनुरोध किया तब उन्होंने कोई कार्रवाई क्यों नहीं किया ? यही सब वह कारण  है जो रायबरेली जिला प्रशासन को सवालों के कटघरें में खड़ा कर देता है .


नैमिष प्रताप सिंह ने कहा कि पुरूषोत्तम गुप्ता को यह समझना चाहिए वे कानून से ऊपर नहीं है , जिला प्रशासन को अपने साथ मिलाकर उनके द्वारा किये जा अबैध निर्माण को लेकर केवल उनके खिलाफ ही कानूनी कार्रवाई नहीं होगी बल्कि उनको संरक्षण देने वाले सरकारी अधिकारी - कर्मचारी भी देर - सबेर नपेंगे , भले ही वे कितने ही प्रभावशाली क्यों न हों ?  उन्होंने आगे कहा कि  मीडियाकर्मियों / सक्रियतावादियों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि इस अवैध निर्माण का तथ्यात्मक जांच करें और इसका खुलासा हो.अब जबकि एन.जेड.ए.प्लाट संख्या - 384 / 2 / 0.651हे. मोहाल वलीउद्दीन , अख्तियारपुर , सदर तहसील , रायबरेली में हो रहे अवैध निर्माण की जांच अपर पुलिस महानिदेशक ( लखनऊ जोन ) के यहां से अपर पुलिस अधीक्षक रायबरेली के यहां पहुँच गई है तब मीडियाकर्मियों ने यदि इस प्रकरण को लेकर कलम चलाई तो जिला प्रशासन और   पुरूषोत्तम गुप्ता के संगठित भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जायेगा.


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