राजनाथ सिंह ने छावनियों के 10,000 कर्मचारियों के लिए बीमा योजना का किया शुभारम्भ
रक्षा मंत्रालय और रक्षा संपदा महानिदेशालय (डीजीडीई) ने आज यहां देश भर में स्थित 62 छावनियों में केन्द्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के कार्यान्वयन में सुधार के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा इसका शुभारम्भ किया गया।
अपने उद्घाटन भाषण में राजनाथ सिंह ने कहा कि छावनी क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 21 लाख नागरिकों को विभिन्न केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के लाभ निर्बाध रूप से देने और उनके समग्र स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में यह वेबिनार एक अहम कदम है। आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटी मिशन, स्कूली बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन योजना आदि कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि छावनी क्षेत्रों में इन कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वनय में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आयात नकारात्मक सूची लाने जैसी रक्षा मंत्रालय की आत्मनिर्भर भारत पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार आर्थिक विकास हासिल करने की दिशा में नवाचार का स्वागत करती है।
इस दो दिवसीय वेबिनार में सभी 62 छावनी बोर्डों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने भाग लिया। इसका आयोजन छावनी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों में विभिन्न केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की कार्यान्वयन व्यवस्था और वित्तपोषण की बेहतर समझ तथा इन लाभों के विस्तार के उद्देश्य से रूपरेखा तैयार करने के लिए किया गया था। वेबिनार में आवासन और शहरी कार्य, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और महिला एवं बाल विकास जैसे मंत्रालयों के संयुक्त सचिव/ नोडल अधिकारियों ने भाग लिया। संबंधित राज्य विभागों में संबंधित स्टेट मिशन निदेशकों और प्रमुख सचिवों ने भी वेबिनार में भाग लिया।
वेबिनार में विचार विमर्श से छावनी क्षेत्रों में अनुकूल पहुंच और छावनी क्षेत्रों में सीएसएस लाभार्थियों की संख्या अधिकतम स्तर तक पहुंचाने के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी, जिस पर छावनी बोर्डों द्वारा आगे काम किया जाएगा।
रक्षा मंत्री ने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के माध्यम से एक समूह जीवन बीमा योजना ‘छावनी कोविड: योद्धा संरक्षण योजना’ का भी शुभारम्भ किया, जिससे 62 छावनी बोर्डों के 10,000 कर्मचारियों को जोड़ा जाएगा। इस योजना के तहत किसी तरह की आपदा में जान जाने की स्थिति में हर कर्मचारी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना से चिकित्सकों, चिकित्सा सहायकों और स्वच्छता कर्मचारियों सहित स्थायी और अनुबंधित कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।