आगामी 01 अक्टूबर से की जाएगी धान की खरीद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए खाद्य एवं रसद विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय नीति जारी कर दी है। इस नीति के तहत कृषकों को उनकी उपज का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिया जाएगा। इस उद्देश्य से समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत किसानों से धान खरीद किए जाने की प्रक्रिया आगामी एक अक्टूबर, 2020 से शुरू होगी। नीति के अनुसार इस बार विभिन्न श्रेणी के धान के समर्थन मूल्य के तहत काॅमन धान 1868 रुपये प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए के धान का मूल्य 1888 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया हैै। किसानों को धान की बिक्री हेतु खाद्य विभाग के पोर्टल https://fcs.up.gov.in/FoodPortal.aspx पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।


धान क्रय नीति के तहत लखनऊ सम्भाग के जनपद हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर तथा सम्भाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़ तथा झांसी में धान क्रय की अवधि 01 अक्टूबर, 2020 से 31 जनवरी, 2021 तक तथा लखनऊ सम्भाग के जनपद लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानपुर, फैजाबाद, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मण्डलों में 01 नवम्बर, 2020 से 28 फरवरी, 2021 तक धान की खरीद की जाएगी।


धान क्रय के लिए केन्द्र प्रातः 9ः00 बजे से शाम 5ः00 बजे तक खोले जायेंगे। जिलाधिकारी, स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार क्रय केन्द्र के खुलने एवं बन्द करने के समय में आवश्यक परिवर्तन कर सकेंगे। किसानों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से रविवार एवं राजपत्रित अवकाशों को छोड़कर शेष कार्य दिवसों में धान केन्द्र खुले रहेंगे। जिलाधिकारी केन्द्रों पर धान की आवक व लक्ष्यपूर्ति के दृष्टिगत अवकाश के दिनों में भी धान क्रय करा सकेंगे।


 खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए 3000 क्रय केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित है। क्रय केन्द्रों का निर्धारण एवं चयन जिलाधिकारी द्वारा इस प्रकार किया जाएगा कि कृषक को अपना धान विक्रय करने हेतु 08 किमी से ज्यादा दूरी न तय करनी पड़े। क्रय सत्र में 100 मी0टन से कम खरीद की सम्भावना वाले क्षेत्र में विकास खण्ड स्तर पर अधिकतम एक केन्द्र ही खोला जायेगा। उन क्षेत्रों में क्रय केन्द्र मुख्य रूप से स्थापित किया जायेगा, जहां धान की अच्छी आवक होती है।


Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें