अभिभावक की आवाज पर जगी सरकार , अभिभावकों ने कहा युद्ध अभी शेष है
लखनऊ। स्कूल फीस को लेकर मचे घमासान के बीच सरकार ने अभिभावक की आवाज पर सीएमएस स्कूल की जमकर फजीहत की है। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ मुकेश कुमार सिंह ने पहले फोन पर बाद में पत्र जारी कर सीएमएस स्कूल को चेतावनी दी है कि वो शासनादेश संख्या 736/15-7-2020-1(20)/2020 दिनांक 07-04-2020 का उल्लंघन करना बंद करे।
अभिभावकों का कहना है कि सीएमएस पहला स्कूल नहीं है जो उक्त शासनदेश का उल्लंघन कर रहा है। उक्त शासनदेश का उल्लंघन करने वालों की फेहरिस्त बड़ी लम्बी है लेकिन शासन द्वारा सीएमएस को दी गई चेतावनी के बाद यह उम्मीद है कि बांकी विद्यालय इस चेतावनी को गंभीरता से लेंगे और अपनी इज़्ज़त बचाएंगे।
अभिभावकों ने यह भी कहा कि यह अधूरी सफलता है। युद्ध अभी शेष है। विद्यालय 6 महीनों से बंद है मेरा बच्चा विद्यालय गया नहीं ,उसने विद्यालय में रखे कंप्यूटर को चलाना तो दूर छूआ भी नहीं फिर कंप्यूटर फीस हम क्यों दें ? बच्चा विद्यालय गया नहीं लाईब्रेरी फीस हम क्यों दें ? बच्चा स्कूल गया नहीं हम विद्यालय रख - रखाव फीस क्यों दें ? और ये कम्पोजिट फीस क्या है ? कोरोना ने हम अभिभावकों को मानसिक और आर्थिक दोनों ही तरीके से परेशान कर रखा है। मानसिक रूप से इसलिए क्योंकि रोज कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं और आर्थिक रूप से इसलिए क्योंकि कोरोना के कारण सही ने ना तो हमारा काम चल रहा है ना ही हमे पूरा वेतन मिल रहा है और ना ही रोजगार। जनता के द्वारा चुनी सरकार को इस समय जनता की सुननी ही पड़ेगी।
बताते चलें की अभिभावक की आवाज शुरुआत से ही सरकार से मांग कर रही है कि कोरोना काल में बंद विद्यालय अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस लें बाँकी कोई भी अतिरिक्त फीस ना लें। सीएमएस स्कूल में पढ़ रहे अभिभावकों का कहना है कि जब विद्यालय ने देखा कि अभिभावक अतिरिक्त फीस को लेकर हंगामा कर रहे हैं तो उसने सभी मदों (जैसे शिक्षा शुल्क,लैब शुल्क,मेंटिनेंस शुल्क आदि) को हटाकर एक हेड बना दिया "कम्पोजिट फीस"। ये अभिभवकों से साथ धोखाधड़ी है शासन को चाहिए कि वो स्कूल से पूछे ये कम्पोजिट फीस है क्या ?