बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराते हुए किसानों को शीघ्र मुआवजा वितरित किया जाए - मुख्यमंत्री


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने में टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके दृष्टिगत प्रदेश में प्रत्येक दशा में कोविड-19 के 01 लाख 50 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं। उन्होंने जनपद कानपुर नगर, वाराणसी, प्रयागराज तथा गोरखपुर में मेडिकल टेस्टिंग में वृद्धि करने के निर्देश दिए हैं।


मुख्यमंत्री लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में वेंटीलेटर्स/एच0एफ0एन0सी0 (हाई फ्लो नेजल कैन्युला) को क्रियाशील रखा जाए। इस सम्बन्ध में आज शाम तक शासन को रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कोविड अस्पतालों में डायलिसिस मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि हेपेटाइटिस-बी के मरीजों के लिए प्रत्येक जनपद में डेडिकेटेड डायलिसिस मशीन की व्यवस्था की जाए।कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन के कम से कम 48 घण्टे के बैकअप की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग चिकित्सालयों में कम से कम 48 घण्टे की ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से जनपदीय स्तर के साथ-साथ मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के माध्यम से भी उनके स्वास्थ्य की निरन्तर जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने स्वच्छता एव सेनिटाइजेशन के कार्य को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सितम्बर माह में वेक्टरजनित रोगों के प्रकोप की अधिक सम्भावना रहती है। इसके दृष्टिगत स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन की कार्यवाही में पूरी तत्परता बरती जाए। उन्होंने राजकीय कर्मियों की कार्यालयों में समय से उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में प्रभावी पर्यवेक्षण के साथ-साथ निरीक्षण किए जाएं। समय से उपस्थित न होने पर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जाए।नहरों को रोस्टर के अनुरूप पूरी क्षमता से संचालित किया जाए, ताकि किसानों को सिंचाई कार्य हेतु आवश्यकतानुसार पानी उपलब्ध हो सके। किसानों को खाद की उपलब्धता निरन्तर सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई शिथिलता न बरती जाए। बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराते हुए किसानों को शीघ्र मुआवजा वितरित किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में मकान के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में अनुमन्य राहत राशि का वितरण भी समयबद्ध ढंग से किया जाए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा मण्डलीय समीक्षा की जाएगी। मण्डलीय समीक्षा में 50 करोड़ रुपए से अधिक राशि की विकास परियोजनाओं के सम्बन्ध में मण्डलायुक्त प्रस्तुतिकरण देंगे। जिलाधिकारियों द्वारा भी अपने-अपने जनपद की विकास योजनाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा। उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन तथा अमृत योजना की परियोजनाओं में तेजी लाने तथा इनकी प्रगति की नियमित समीक्षा करने के निर्देश भी दिए।


इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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