बचाव ही कोविड 19 की वैक्सीन है - प्रो. डा. सूर्यकांत

लखनऊ। पत्र सूचना कार्यालय, लखनऊ द्वारा आज कृषि सुधार और कोविड-19 पर दो वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। विषय विशेषज्ञों के अलावा बड़ी संख्या में पत्रकार भी इसमें शामिल हुए।कोविड 19 पर आयोजित वेबिनार में किंग जार्ज मेडीकल कालेज के वरिष्ठ प्रो. डा. सूर्यकांत ने कहा कि बचाव ही कोविड 19 की वैक्सीन है। उन्होंने कहा कि भारत में मरीजों का ठीक होने की उंची दर के पीछे मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया ने समय से लोगों तक सही जानकारी पहुंचायी।


वेबिनार की मुख्य अतिथि पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि कोविड 19 ने समाज के हर क्षेत्र को प्रभावित है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया ने कोविड 19 से जुड़ी हर जानकारी पहुँचाई है। इस दौर में  मीडिया ने अपनी जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाया है। चिकित्सकों की सलाह भी जन -जन तक मीडिया के माध्यम से ही पहुंची है। उन्होंने कहा कि सामाजिक नहीं शारीरिक दूरी बनाए रखने की जरूरत है।


अध्यक्षीय संबोधन में  पीआईबी लखनऊ के अतिरिक्त महानिदेशक आर पी सरोज ने कहा कि कोविड 19 से डरने की नहीं लड़ने की जरूरत है। संक्रमित होने पर चिकित्सक की सलाह से ही दवाओं को लेना है। कोविड 19 के प्रति लोगों को जागरूक करने में मीडिया बड़ी भूमिका अदा कर रहा है।


समारोह के विशिष्ट अतिथि सेंटर फ़ॉर मास कम्युनिकेशन राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के पूर्व अध्यक्ष  प्रोफेसर संजीव भानावत ने कहा कि मीडिया कर्मियों ने कोविड 19 के दौर में जान की बाजी लगाकर लोगों को सूचना पहुचाई है। उन्होंने महामारी के समय पीआईबी के योगदान की सराहना की।


बतौर वक्ता लखनऊ के चिकित्सक डॉ निरुपम प्रकाश ने कहा कि कोविड 19 से लड़ने के लिए जागरूकता बहुत जरूरत है।  उन्होंने कोविड 19 के लक्षणों और बचाव पर प्रकाश डाला। कहा कि घर से बाहर बिना मास्क के न निकले।उन्होंने कहा कि मास्क को पहनने के बाद सामने से छुए नहीं। उन्होंने कहा कि मीडिया के कारण कोविड 19 के प्रसार को रोकने में कामयाबी मिली है।


केन्द्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में की गयी सुधारों की पहल पर आयोजित वेबिनार में लखनऊ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर ए.के. अग्रवाल ने कहा कि इससे किसानों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा और बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रो. महेन्द्र कुमार पाधी ने इन सुधारों की टिकाऊ विकास के लिए फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि इससे एक देश एक बाजार का सपना साकार होगा और परम्परागत खेती स्टार्टअप का रूप लेगी। वेबिनार में बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसानों ने भी विचार व्यक्त किये। दतियाना के रजनीश त्यागी, अहमदनगर (महाराष्ट्र) के राजेन्द्र शिंदे वाया शाहजहांपुर के अरुण कुमार पीर नगर हापुड़ के देवांश त्यागी ने इन सुधारों का स्वागत किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। दोनों ही वेबिनार की अध्यक्षता पत्र सूचना कार्यालय, लखनऊ के अपर महानिदेशक(रीजन) आर.पी. सरोज तथा संचालन उप निदेशक डा. श्रीकॉंत श्रीवास्तव ने किया।


Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

जेवर एयरपोर्ट बदल देगा यूपी का परिदृश्य

भाजपा का आचरण और प्रकृति दंगाई किस्म की है- अखिलेश यादव