भाजपा की आर्थिक नीतियों से दुःखी हैं किसान - अखिलेश यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की आर्थिक नीतियों से किसान दुःखी है, वह आत्महत्या कर रहा है। नौजवानों के लिए रोजगार नहीं है। गरीबी, मंहगाई से त्रस्त लोगों के लिए कोई सहारा नहीं है। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर किसानों को उनका हक मिलेगा, उनकी तमाम समस्याओं का समाधान होगा और नौजवानों के लिए रोटी-रोजगार की व्यवस्था होगी।
श्री यादव आज गाजीपुर के किसानों, नौजवानों तथा बड़ी संख्या में एकत्र समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं से वीड़ियों कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा यह किसान चैपाल वस्तुतः पहली वर्चुअल रैली बन गई है। इस संवाद कार्यक्रम में किसानों, नौजवानों ने अपनी तमाम परेशानियों के बारे में चर्चा की और प्रदेश में सन् 2022 में श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार बनाने के लिए पूरे समर्थन-सहयोग का संकल्प जताया। उन्होंने भरोसा जताया कि समाजवादी पार्टी की सरकार ही उनके हित सुरक्षित करेगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि पूरे देश में किसान आंदोलित है। किसान को जो लाभप्रद लागत मूल्य मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है। किसान की आय दुगनी करने का वादा, खोखला वादा ही रहा। उन्होंने कहा भाजपा किसान विरोधी है, वे खेती के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। किसान की मेड़ तोड़ने की साजिश हो रही है। भाजपा ने जो कानून पास किया है उससे छोटी जोत वाले किसानों का भला नहीं होगा। उनको बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। उनकी मदद करना सत्तारूढ़ सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा खुले बाजार में व्यापारी किसान की फसल ले लेंगे, वे मुनाफा नहीं देंगे। किसान का भला डाॅ0 राम मनोहर लोहिया और नेता जी मुलायम सिंह यादव की नीतियों से ही होगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार में जब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बन रहा था तब उससे गाजीपुर, बलिया को भी जोड़ा जाना था। समाजवादी सरकार गाजीपुर को लखनऊ, नोएडा, दिल्ली तक सीधे जोड़ने के लिए सड़क बना रही थी।
अखिलेश यादव ने प्रारम्भ में कहा कि गाजीपुर से उनका पुराना रिश्ता है। जनता का समर्थन जुटाने में हमेशा पूर्वांचल ने ही अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने सभी समाजवादी साथियों को पार्टी साहित्य, आव्हान और अगस्त क्रांति गांव-गांव, घर-घर, पहुँचाने के लिए बधाई दी।
इस संवाद क्रम में किसान भाइयों ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम हटाने से काला बाजार को बढ़ावा मिलेगा। इससे मंहगाई बढ़ेगी। किसानों ने खाद की कालाबाजारी और धानों में चल रही लूट का जिक्र किया। अन्ना पशुओं की वजह से किसान की रात रखवाली करते कटती है। नौजवानों ने कहा कि वे डिग्री लेकर बैठे हैं, पर नौकरी नही है, वे भुखमरी के कगार पर है। वित्तविहीन शिक्षकों ने कहा कि स्कूल बंद हैं, उन्हें समय से तनख्वाह नहीं मिली। वे सब आर्थिक रूप से बहुत परेशान है।