भगवान ने अपनी वाणी से साधनमार्गी जीवों को बनाया है
जगत में जीव साधनामार्गी हैं। ये साधना को सम्बल बनाकर भगवद्भक्ति में आगे बढ़ते हैं। इन्हें मर्यादामार्गी भी कहा जा सकता है।
साधना सफल हो जाय तो तत्काल भगवदकृपा हो जाती है अन्यथा अनेक जन्म पर्यन्त साधना में लगे रहते हैं। साधनामार्गी जीव भगवान की दैवीयसृष्टि है।
भगवान ने अपनी वाणी से साधनमार्गी जीवों को बनाया है। दैवीसृष्टि दो प्रकार की बतायी है। मर्यादा सृष्टि और पुष्टि सृष्टि।