दान सुपात्र को देना चाहिए
दान सुपात्र को देना चाहिए। वामन द्वादशी के दिन तो स्वयं भगवान विष्णु राजा, बलि के यहाँ दान लेने आये हैं अब ऐसा पात्र और कहाँ मिलेगा ? यह तो सबसे उत्तम पात्र है। तीन पग में भगवान तन, मन औऱ धन तीनों माँगते हैं। तीन पग पृथ्वी माँगने के बहुत सारे अर्थ हैं, बहुत सारे भाव हैं।
बलि राजा छः प्रकार की दैहिक भक्ति कर रहे थे। लेकिन तीन प्रकार की अंतःकरण की भक्ति सख्यम, दास्यम और आत्म निवेदनम वह अभी शेष रह गई थी इसलिए तीन पग माँगे।
श्रवणं, कीर्तनं, स्मरणं, पादसेवनं, अर्चनं, वंदनम यहाँ तक तो हुआ।लेकिन दास्यम, सख्यम, आत्मनिवेदनम यह तीन प्रकार की भक्ति अभी अधूरी थी सो वह तीन भी माँग लिये।