देश के 50 करोड़ मजदूरों को होगा फायदा - श्रम प्रवर्तन अधिकारी

पत्र सूचना कार्यालय, लखनऊ द्वारा  श्रम सुधारों को लेकर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। विषय विशेषज्ञों के अलावा बड़ी संख्या में पत्रकार भी इसमें शामिल हुए। श्रम सुधार पर आयोजित वेबिनार में भारत सरकार के श्रम प्रवर्तन अधिकारी एम. के. गुप्ता ने कहा कि लम्बे विचार विमर्श के बाद सरकार श्रम सुधारों को लेकर आई है। इन कोडों के कानून बन जाने के बाद संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा मिल सकेगी। देश के इतिहास में पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार जिन सुधारों की बात कर रही है उससे देश के 50 करोड़ मजदूरों को फायदा होगा। लखनऊ विश्वविद्यालय  के प्रोफेसर अजय प्रकाश ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी तय होने से मजदूरों का शोषण बंद होगा। उन्होंने कहा कि ईएसआईसी और ईपीएफओ की सुविधा सभी मजदूरों को मुहैया होगी। महिला और पुरुष मजदूरों के बीच का अंतर खत्म होगा और समान मजदूरी का रास्ता साफ होगा। उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों को ग्रेच्युटी की सुविधा मिलेगी।


वरिष्ठ पत्रकार तथा श्रम मामलों के विशेषज्ञ ने कहा कि सरकार ने पहली बार जीआईजी और प्लेटफार्म कामगारों को ईएसआईसी की सुविधा दी है। उन्होंने कहा कि मजदूरों में आत्मविश्वास की वृद्धि होगी और वह आत्मनिर्भर होगा। श्री कलहंस ने कहा कि मजदूरों को निकालने से पहले सेवायोजक को 2 महीने की नोटिस देनी होगी।


इससे पहले पीआईबी लखनऊ के अपर महानिदेशक आर पी सरोज ने विषय की स्थापना करे हुए कहा कि सरकार द्वारा श्रम सुधारों की जो प्रक्रिया शुरू की गई है उसके दूरगामी परिणाम होंगे। मजदूरों को और ज्यादा अधिकार तथा काम लायक माहौल मिलेगा।


पत्र सूचना कार्यालय, लखनऊ के उप निदेशक डा. श्रीकॉंत श्रीवास्तव ने कहा कि इन कोडों के जरिये सरकार पहली बार डिजिटल तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया पत्रकारों को भी श्रमजीवी का दर्जा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि  सरकार ने प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग के साथ ही उनके लिए हेल्पलाइन सेवा भी शुरू की है। वेबिनार का संचालन डा. श्रीकॉंत श्रीवास्तव ने किया।


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