दोषी अफसर जेल भेजे जाएं - विचार मंच

लखनऊ। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए गत दिवस बुद्धिजीवियों की पुरानी एवं महत्वपूर्ण संस्था ‘विचारमंच’ द्वारा दूरभाष पर अपनी नियमित संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें ‘अतिक्रमण’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए क्ताओं ने कहाकि नए मंडलायुक्त ने ठीक आक्रोश व्यक्त किया है कि अतिक्रमणों की भरमार है तथा 'स्मार्ट सिटी' बनाने की योजनाएं कछुए की गति से चल रही हैं। नए  मंडलायुक्त वास्तव में लखनऊ के 'स्मार्ट' बनाने के इच्छुक हैं तो उन्हें सबसे पहले शहर को पूरी तरह अतिक्रमण से मुक्त करना होगा, ताकि सड़कों व पटरियों(फुटपाथों) का राहगीर निर्बाध रूप से इस्तेमाल कर सकें।


मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार पीबी वर्मा ने कहा कि अतिक्रमणों के लिए वस्तुतः  अफसर जिम्मेदार हैं, जो अतिक्रमण होते समय मौन रहकर उन्हें बढ़ावा देते हैं। जब तक अतिक्रमणों के लिए जिम्मेदार अफसरों को जेल नहीं भेजा जाएगा, अतिक्रमण कभी नहीं हटेंगे। उन अफसरों की भ्रष्ट कमाई की संपत्ति भी जब्त की जानी चाहिए।


संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए 'समाचारवार्ता' के संपादक श्याम कुमार ने कहा कि पुलिस विभाग जितनी शक्ति लोगों को हेलमेट पहनाने के लिए खर्च करता है। वह शक्ति अतिक्रमणों को पूर्णरूपेण समाप्त करने में लगाएं तो सभी शहरों की खूबसूरती निखर जाए। वरिष्ठ मजदूर नेता एवं राजनीतिक विश्लेषक सर्वेश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि सर्वविदित है कि अतिक्रमणकारियों से पुलिस दैनिक वसूली करती है, इसलिए उन्हें नहीं हटाती। बड़े पुलिस अधिकारी इस मामले में मौन रहते हैं, जिससे लोगों के इस आरोप को बल मिलता है कि अतिक्रमणकारियों से वसूली का हिस्सा ऊपर तक जाता है। 


पत्रकार राजीव अहूजा व पत्रकार शेखर पंडित ने कहा कि लखनऊ के नए मंडलायुक्त यदि शहर का वास्तविक कल्याण चाहते हैं तो उन्हें अतिक्रमण को जड़ से समाप्त करना होगा। इसके लिए जिम्मेदारी तय की जाए और जो अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदारी के निर्वहन में शिथिल पड़ जाएं, उन्हें कठोर दंड दिया जाए। 


समाजसेवी सुशीला मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक कुमार कमलेश पांडे ने कहा कि पटरी दुकानदारों को दुकानदारी के लिए हर क्षेत्र में भूमिगत हाट बनाकर दुकानें आवंटित की जाएं तथा साप्ताहिक बाजारों को बंद कर उन्हें भी वही दुकानें दी जाएं। पटरियां पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त होनी चाहिए। सुरेंद्र अग्निहोत्री, विनय कुमार निगम, राम सिंह तोमर, प्रभु जीत सिंह, डॉ विनय कुमार शर्मा, डॉ हरिराम त्रिपाठी, राजू यादव आदि पत्रकारों ने मांग की कि नजीराबाद, अमीनाबाद आदि संकरे क्षेत्रों में फुटपाथों को समाप्त कर सड़कें चौड़ी की जाएं तथा सुनिश्चित किया जाए कि उन पर अतिक्रमण न हों। 


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