एन0सी0सी0, एन0एस0एस0 अथवा स्काउट में प्रतिभाग कर रहे छात्र से कोविड वालेन्टियर्स के रूप में सेवाएं ली जाएं - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जे0ई0, ए0ई0एस0 तथा अन्य संचारी रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए पूरी तैयारी समयबद्ध ढंग से किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आज कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के विरुद्ध व्यापक पैमाने पर संघर्ष जारी है। ऐसे में जे0ई0, ए0ई0एस0 तथा अन्य संचारी व विषाणुजनित रोगों के दृष्टिगत किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता न बरती जाए। उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें।
ज्ञातव्य है कि 01 से 31 अक्टूबर, 2020 तक ‘संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ एवं दिनांक 01 से 15 अक्टूबर, 2020 तक ‘दस्तक अभियान’ पूरे प्रदेश में संचालित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज लोक भवन में ए0ई0एस0, जे0ई0 तथा अन्य संचारी रोगों के नियंत्रण के सम्बन्ध में अन्तर्विभागीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग अभी से कार्य योजना बनाकर कोरोना महामारी के दृष्टिगत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संचारी रोगों के नियंत्रण की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में जे0ई0 व ए0ई0एस0 से 466 बच्चों की मृत्यु हुई थी, वहीं वर्ष 2020 में यह संख्या 07 रही। जो दर्शाती है कि प्रदेश सरकार की संचारी रोगों के प्रति अपनायी गयी रणनीति कितनी सफल रही। उन्होंने कहा कि पिछले 03 वर्षों के दौरान राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से जे0ई0 व ए0ई0एस0 के नियंत्रण पर उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है, जो देश व दुनिया के लिए उदाहरण है। वर्तमान में पूरा विश्व वैश्विक महामारी कोविड-19 से त्रस्त है। ऐसे में, कोरोना के कारण इस वर्ष जिन बच्चों का नियमित टीकाकरण छूट गया है, ऐसे वंचित शिशुओं का चिन्हीकरण कर उनका टीकाकरण कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित विभागो से इन रोगों के नियंत्रण व रोकथाम के सम्बन्ध में किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की। साथ ही, उन्होंने चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगर विकास, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, कृषि, पशुपालन तथा सूचना विभाग को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय बनाकर जे0ई0 व ए0ई0एस0 की रोकथाम व नियंत्रण की कार्यवाही में और तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यापक जागरूकता का कार्यक्रम संचालित किया जाए। पोस्टर, हैण्डबिल, इलेक्ट्राॅनिक एवं प्रिण्ट मीडिया के माध्यम से विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने इन रोगों के उपचार व नियंत्रण के लिए प्रशिक्षण पर बल देते हुए कहा कि संचारी रोगों के नियंत्रण में प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में, सभी जनपदों में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करते हुए आवश्यक उपकरणों एवं स्टाफ की व्यवस्था समयबद्ध ढंग से पूरी तैयारी के साथ उपलब्ध होनी चाहिए। कालाजार, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि संचारी रोगों के सम्बन्ध में नियंत्रण एवं बचाव के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। इंसेफ्लाइटिस से प्रभावित जनपदों में उपचार की व्यवस्था सी0एच0सी0, पी0एच0सी0 और जिला चिकित्सालयों पर सुनिश्चित हो। शौचालयों का निर्माण व उनकी साफ-सफाई की भी व्यवस्था रहे। उन्होंने कहा कि मातृ एवं नवजात शिशु की देखभाल और पोषण के साथ-साथ उपचार सम्बन्धी व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कमी न हो। जे0ई0 व ए0ई0एस0 वेक्टर जनित रोग हैं। इसलिए इनकी रोकथाम के लिए विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे सैनिटाइजेशन से जे0ई0 व ए0ई0एस0 तथा संचारी रोगों के नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। शुद्ध पेयजल और ड्रेनेज की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो। आंगनबाड़ी तथा आशा वर्क रों की मदद से बच्चों एवं महिलाओं को इन रोगों के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए तथा उनके पोषण की भी व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से विद्यार्थियों को जे0ई0 व ए0ई0एस0 के सम्बन्ध में जागरूक करे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के छात्र, जो एन0सी0सी0, एन0एस0एस0 अथवा स्काउट में प्रतिभाग कर रहे हैं, उनसे कोविड वालेन्टियर्स के रूप में सेवाएं ली जाएं। उन्होंने कहा कि जे0ई0 व ए0ई0एस0 के कारण शारीरिक व मानसिक दिव्यांगता उत्पन्न होती है। इसके दृष्टिगत दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। वह इसकी पूरी माॅनीटरिंग करे।