गन्ना किसानों की सुविधा के लिए उ.प्र. शासन ने चार नये जिलों को डी.डी.ओ. कोड आवंटित कर, आहरण एवं वितरण का दिया अधिकार
लखनऊ। प्रदेश के गन्ना किसानों के व्यापक हित के दृष्टिगत गन्ना बहुल जिलों के आर्थिक अधिकारों मे समानता लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अनुकम्पा एवं मंत्री चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, सुरेश राणा के मार्गदर्शन मे अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा किये गये प्रयासों से उ. प्र. शासन द्वारा गन्ना विकास विभाग मे 04 नये जिलों अम्बेडकरनगर, सम्भल, शामली और हापुड को डी.डी.ओ. कोड आवंटित कर आहरण एवं वितरण का अधिकार प्रदान किया गया है।
इस सम्बन्ध मे प्रदेश मंत्री चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, सुरेश राणा ने बताया कि उ.प्र. शासन द्वारा गन्ना विभाग मे अम्बेडकरनगर, सम्भल, शामली और हापुड़ जिलों को डी.डी.ओ. कोड आवंटित कर दिया गया है। डी.डी.ओ. कोड आवंटित होने इन जिलों के वित्तीय अधिकार बढेगें तथा अन्य जिलों पर इनकी निर्भरता भी कम होगी, साथ ही इन जिलों के गन्ना कृषको को अब उनके जिलें के कोषागारों के माध्यम से ही भुगतान किया जा सकेगा।
श्री राणा ने यह भी बताया कि अम्बेडकरनगर जिले का सृजन वर्ष-1995 में , सम्भल व शामली जिले का वर्ष 2011 में तथा हापुड़ जिले का सृजन प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2012 में किया गया था। वर्तमान में अम्बेडकरनगर जिले में गन्ना कृषकों की संख्या 68 हजार, शामली में 1 लाख 60 हजार, सम्भल में लगभग 73 हजार तथा हापुड़ में लगभग 51 हजार है। इन जिलों का गठन होने के बाद से ही जिला गन्ना अधिकारी/बीज उत्पादन अधिकारी को डी.डी.ओ.कोड आवंटित न हो पाने के कारण जिला योजना, RKVY व अन्य योजनाओं में संचालित विभिन्न गन्ना विकास कार्यक्रमों का लाभ पाने के लिए इन जिलों के लाखों किसानों को दो-दो जिलों में दौड़ना पड़ता था क्योंकि गन्ना विभाग की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत अनुदान आदि का भुगतान अन्य जिलों के कोषागारो के माध्यम से किया जा रहा था। इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था, साथ ही विभिन्न योजनाओं के अनुदान तथा इन जिलों के कार्मिकों के वेतन आदि के भुगतान में भी अनावश्यक विलम्ब होता था। योजनाओं की भौतिक व वित्तीय प्रगति के समुचित पर्यवेक्षण तथा ऑडिट कार्यों में कठिनाई आती थी। इस प्रकार कुछ जिलों में 9 वर्षों तथा अम्बेडकरनगर जिले में 25 वर्षों से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
उन्होंने बताया कि इस निर्णय के बाद इन जिलों के कार्मिको एंव अधिकारियों के बीच भी खुशी का माहौल है, क्योंकि इस निर्णय से गन्ना बहुल जिलो के आर्थिक अधिकारों मे समानता आयेगी तथा विभागीय कार्य भी शीघ्रता एवं सुगमता से सम्पन्न होगें। इन जिलों के जिला गन्ना अधिकारी एंव बीज उत्पादन अधिकारियों को तत्काल कोषागार से सम्पर्क कर नई प्रक्रिया के अन्तर्गत कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।
मंत्री ने यह भी बताया कि गन्ना किसानों की सुविधा और आवश्यकता को ध्यान मे रखते हुए शासन द्वारा अब उन्हीं के जिले के कोषागार से भुगतान का निर्णय लिये जाने के फलस्वरूप अम्बेडकरनगर, सम्भल, शामली और हापुड जिलों के गन्ना किसानों ने अपनी खुशी जाहिर की है तथा इस निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री उ.प्र. के प्रति आभार व्यक्त किया है।