कृषि क्षेत्र में नई प्रतिस्पर्धा प्रारम्भ हुई है , जो किसानों के हित में है - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्र , हापुड़ के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण एवं कृषि विज्ञान केंद्र सम्भल, कृषि विज्ञान केंद्र बुलन्दशहर तथा कृषि विज्ञान केंद्र मुरादाबाद (द्वितीय) के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया।


कार्य क्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा किसान प्रगतिशील किसान है, वह नया अनुसंधान चाहता है। नए तौर-तरीके के साथ अपनी खेती को आगे बढ़ाना चाहता है, लेकिन उसे नए तौर-तरीके कौन बताएगा। यह उसके सामने एक प्रश्न रहता था। विगत 03 वर्षों में कृषि विज्ञान केंद्रों की नई श्रृंखला ने किसानों को आधुनिक तकनीक के साथ उन्हें उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने में मदद की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। प्रत्येक किसान को उसकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके, इस पर जोर दिया गया। प्रधामनट्री फसल बीमा योजना’, ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ से किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही प्रत्येक किसान को ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के साथ जोड़ा गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी प्रधानमंत्री के आभारी हैं, जिनके प्रयासों से कृषि क्षेत्र में नई प्रतिस्पर्धा प्रारम्भ हुई है, जो किसानों के व्यापक हित में है। अब किसान ‘वन नेशन, वन मार्केट’ के नये युग की ओर जा रहा है, जहाँ वह अपनी उपज की देश के अन्दर कहीं भी बिक्री करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। इसके साथ ही, शासन उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारण्टी भी दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाना ही होगा। अगर किसानों की आमदनी बढ़ानी है, तो कृषि क्षेत्र में हो रहे बदलाव को हमें खुले दिमाग से स्वीकार करना होगा। हम किसी भी क्षेत्र में पीछे न रहें, इसके लिए राज्य के सभी कृषि विश्वविद्यालय व सभी कृषि विज्ञान केंद्र इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को पिछले 03 वर्षाें में 01 लाख 05 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। प्रदेश में किसानों के हित में किये जाने वाले कार्याें को हम लोगों ने कोरोना काल खण्ड में भी देखा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश इकलौता राज्य रहा, जिसने लाॅकडाउन के दौरान अपनी 119 चीनी मिलों का संचालन पूरी सुरक्षा के साथ किया। भारत सरकार ने कृषि से सम्बन्धित जो बिल पास किये वह किसानों के हित में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य हर हाल में देती रहेगी और इसको इसी रूप में आगे ले जाने का कार्य  करेगी। कृषि विज्ञान केन्द्र खेती-किसानी की बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इससे किसानो के जीवन में खुशहाली आयी है।


इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किसानों की खुशहाली के लिए लगातार कार्य  कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को तकनीक के विषय में जानकारी प्राप्त हो रही है। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को ज्यादा से ज्यादा स्थापित किये जाने की आवश्यकता है।


अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।


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