मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘यू-राइज’ पोर्टल किया लाॅन्च
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां लोक भवन में ‘यू-राइज’ पोर्टल लाॅन्च किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश के तकनीकी संस्थाओं के उन्नयन की दृष्टि से ‘दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम’ का जो शुभारम्भ किया गया था उसके दूसरे चरण के इस अभियान के साथ आज हम जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ आजादी के बाद शिक्षा क्षेत्र में सुधार का सबसे बड़ा अभियान है। यह हमें केवल सैद्धान्तिक ज्ञान तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि यह छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक व तकनीकी ज्ञान से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनने जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने ‘यू-राइज़’ पोर्टल के लाॅन्च तथा ‘दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम’ के अन्तर्गत चेक वितरण एवं नवीन कार्यों के शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि ‘यू-राइज’ पोर्टल एक यूनिफाइड पोर्टल है। यह पोर्टल प्राविधिक, व्यावसायिक व कौशल विकास से जुड़े छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके जितने भी विशेषज्ञ हैं, उन सबको एक प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है। इसमें विद्यार्थियों के जीवन चक्र को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां देश का पहला एकीकृत पोर्टल लागू हुआ है। यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मानक बनेगा। उन्होंने कहा कि हम सब तकनीक से जुड़कर ही आगे बढ़ सकते हैं और बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकते हैं। तकनीक जीवन में कितना परिवर्तन ला सकती है, कोरोना काल खण्ड में इस बात को हम सभी ने महसूस किया है। ‘यू-राइज’ पोर्टल का लोकार्पण तथा दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तहत नवीन कार्याें का शिलान्यास यह दिखाते हैं कि बड़ी से बड़ी चुनौतियां भी हमारे कार्याें में बाधा नहीं बन सकती। वर्तमान सरकार फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध एक बड़ी कार्रवाई को तकनीक के माध्यम से आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। बहुत सारे लोगों ने फर्जी डिग्री लेकर नौकरियां हासिल कर ली। वर्षाें से यह मामला चलता आ रहा था। तकनीक के माध्यम से उन्हें ट्रैक करके उन लोगों पर समुचित कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि ‘यू-राइज’ पोर्टल के माध्यम से किसी भी छात्र-छात्रा के बारे में किसी संस्था या संस्थान को जानकारी प्राप्त करना हो तो वह आसानी से प्राप्त कर सकेगी। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल से 20 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे। ‘यू-राइज’ पोर्टल किसी भी विद्यार्थी के पूरे जीवन चक्र को लेकर चल रहा है। विद्यार्थी के प्रवेश, उनके पाठ्यक्रम, प्रैक्टिकल, शुल्क, परीक्षा व परिणाम को प्रस्तुत करने के साथ ही, आने वाले समय में उनके रोजगार एवं नौकरी को भी इससे जोड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक समानता हमारे लिए तब तक सम्भव नहीं है, जब तक हम शिक्षा के क्षेत्र में समानता लाने में सफल नहीं होते हैं। यह पोर्टल अपने आपमें शैक्षिक समानता को भी सामने ला रहा है। ई-कन्टेंट के माध्यम से प्रत्येक पाठ्यक्रम को इससे जोड़ने के साथ हर छात्र-छात्रा के लिए इसका सुलभ होना अपने आपमें एक बड़ा कार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर तकनीक नहीं होती तो इस सदी की सबसे बड़ी कोरोना महामारी मानवता के लिए एक बड़ा संकट खड़ा कर देती। उन्होंने प्रधानमंत्री जी के विजन को सैल्यूट करते हुए कहा कि तकनीक के माध्यम से ही बिना भ्रष्टाचार के लाभार्थी को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है। उन्होंने जनधन खाते का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे करोड़ों लोगों को डी0बी0टी0 के माध्यम से लाभ पहुंचाया गया है। कोविड-19 के कारण पिछले 06 महीनों से शिक्षण संस्थान बन्द चल रहे हैं। इस दौरान भी शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है। यह भी तकनीक से ही सम्भव हुआ है। तकनीक को लेकर लोगों में नई रुचि देखने को मिली है। लोग स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ आगे बढ़ रहे हैं, जो समाज के लिए एक अच्छा संकेत है।
ज्ञातव्य है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग, प्रशिक्षण सेवायोजन एवं कौशल विकास मिशन की संयुक्त परिकल्पना-‘यू-राइज़’ है। ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ के अन्तर्गत एक अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ए0सी0सी0) की स्थापना की जाएगी। यह अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट विभिन्न मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों से अर्जित अकादमिक क्रेडिट को डिजिटल रूप से संग्रहीत करेगा, ताकि उच्च शिक्षा संस्थानों से प्राप्त डिग्री का ध्यान, अर्जित क्रेडिट में रखा जा सके। इस दृष्टि से ‘यू-राइज़’ पोर्टल पर किया गया डिजिलॉकर का प्राविधान अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा। ‘यू-राइज़’ पोर्टल पर पहले से मूल्यांकित गुणवत्तापरक पाठ्य सामग्री संकलित की जा रही है।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जन्मशती के अवसर पर डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा सरकारी सहायतित सम्बद्ध तकनीकी संस्थानों व सरकारी तकनीकी विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार हेतु ‘दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम’ प्रारम्भ किया गया। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दूरगामी प्रभावों के दृष्टिगत डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश द्वारा डिजिटल और फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की योजना शासकीय संस्थानों एवं दोनों तकनीकी विश्वविद्यालयों के लिए प्रारम्भ की जा रही है।