ऊर्जा प्रबन्धन की उदासीनता से आहत लिपिकों ने की डिजिटल आंदोलन कार्यक्रमों की घोषणा
लखनऊ। विद्युत विभाग में निजीकरण के विरोध में चल रहे ध्यानाकर्षण कार्यक्रमों के अतिरिक्त सदियों से उपेक्षा झेल रहे लिपिक कर्मचारियों के संगठन विद्युत कार्यालय सहायक संघ ने डिजिटल आंदोलन कार्यक्रमों की घोषणा कर दी है। सुनील प्रकाश पाल, केन्द्रीय अध्यक्ष ने ऊर्जा प्रबन्धन पर लिपिक विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि विद्युत विभाग में कार्यरत प्रत्येक गैर तकनीकी कर्मचारी अन्यन्त आहत है।
सुनील प्रकाश पाल, केन्द्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश के सदस्यों के साथ वर्चुअल बैठक के माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा प्रबन्धन जानबूझकर लिपिक कार्मिकों के साथ भेदभाव कर रह रहा है। लिपिकों की 20-25 वर्षों तक पदोन्नति पदोन्नति नहीं होती है तथा टाइम स्केल, आमेलन, अधिष्ठान केन्द्रीयकृत सहित अन्य तमाम समस्याएं विद्यमान हैं, संघ के कई बार पत्रों के माध्यम से इनकी समस्याओं को अवगत कराया गया किन्तु प्रबन्धन ने इन समस्याओं के समाधान हेतु कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की जिससे लिपिकों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा प्रबन्धन गैर तकनीकी संवगों के साथ विद्वेषपूर्ण रवैया अपना रहा है और इस संवर्ग को महत्वहीन समझता है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेन्द्र विक्रम संघ ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 के दृष्टिगत डिजिटल ध्यानाकर्षण कार्यक्रम घोषित किए गए हैं जिसमें दिनांक 1 से 03 अक्टूबर, 2020 तक ई-मेल भरो अन्दोलन चलाया जाएगा जिसमें प्रदेश भर के लिपिक, ऊर्जा प्रबन्धन को लगातार ई-मेल प्रेषित कर उनकी ई-मेल का इनबाॅक्स भरने का कार्य करेंगे तथा दिनांक 4 से 5 अक्टूबर, 2020 ट्विटर/फेसबुक एवं अन्य डिजिटल माध्यमों से अपने साथ हो रहे भेद-भाव से अवगत कराएंगे।
वर्चुअल बैठक में केन्द्रीय पदाधिकारीगणों में योगेन्द्र लाखा, मनीष श्रीवास्तव, आशीष कुमार, अतेन्द्र कुमार, आशीष त्रिपाठी, पवन गुप्ता, विवेक सक्सेना, गौरव वर्मा सहित सदस्यगण मौजूद रहे।