सबको भ्रमर की तरह सार ग्रहण करने वाला बनना चाहिए
हम सबको भ्रमर की तरह सार ग्रहण करने वाला बनना चाहिए अर्थात हर वस्तु का सदुपयोग करना सीखना चाहिए। कुवस्तु का भी सदुपयोग हो सकता है।
कलियुग को सब बुरा कहते हैं लेकिन कलि के अनेक दोष होते हुए भी कलि का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कलिकाल में भगवत्प्राप्ति सरल है।
अन्य युगों में भगवत्प्राप्ति बहुत कठिनता से होती है लेकिन कलियुग में भगवत्प्राप्ति केवल कीर्तन से होती है। अतः भगवान के गुणों, नामों, लीलाओं को गाते रहिये।