संवाद के माध्यम से समस्याओं के समाधान का रास्ता निकलना चाहिए - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विकास, रोजगार सम्भावनाओं के विस्तार तथा प्रधानमंत्री के भारत की इकोनाॅमी को 05 ट्रिलियन डाॅलर बनाने में उत्तर प्रदेश के योगदान में निवेशकों और उद्यमियों से निवेश योजनाओं, सी0एस0आर0, इनोवेशन और उद्यमशीलता के माध्यम से सहयोग प्रदान करने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों और उद्यमियों को आश्वस्त किया कि विगत 03 वर्षाें में उत्तर प्रदेश में जो व्यापक परिवर्तन उन्होंने महसूस किया है, आने वाले समय में इसे और बेहतर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर आहूत ‘इन्वेस्ट यू0पी0’ की उच्चस्तरीय प्राधिकृत समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न उद्योग संगठनों के पदाधिकारियों तथा जनपद स्तर के उद्यमियों से संवाद स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को एक बेहतर निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने जिलाधिकारियों को प्रत्येक माह अनिवार्य रूप से उद्योग बन्धु की बैठक आहूत कर स्थानीय समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के स्तर से सभी मण्डलायुक्तों को यह निर्देश जारी हों कि हर दूसरे महीने मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डल स्तर पर उद्योग बन्धु की बैठक हो। विकास प्राधिकरण, आवास एवं आवास विकास परिषद तथा स्थानीय स्तर की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर करते हुए शासन स्तर से जुड़ी हुई समस्याओं का भी समय-सीमा के अन्दर समाधान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भू-उपयोग परिवर्तन के आवेदनों को 90 दिन की समय-सीमा के अन्तर्गत निस्तारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि से औद्योगिक श्रेणी में भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क को घटाकर सर्किल रेट के 35 प्रतिशत की दर के स्थान पर 20 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। बड़े भू-खण्डों पर टेलीस्कोपिक दरों को सम्मिलित करते हुए यह शुल्क मात्र 14 प्रतिशत रह जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक आस्थानों /औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को दोहरे टैक्स के बोझ से मुक्ति मिलेगी। जिला पंचायतों द्वारा एकत्र किये गए टैक्स का न्यूनतम 60 प्रतिशत उसी औद्योगिक क्षेत्र के रख-रखाव में व्यय किया जाएगा। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि यूपीसीडा द्वारा मेरठ में बन्द पड़ी कताई मिल की भूमि पर नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर यह सामूहिक संवाद उस समय हो रहा है, जब देश और दुनिया वैश्विक महामारी कोविड -19 की चुनौती से जूझ रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उद्यमी व निवेशक इस चुनौती से स्वयं का बचाव करते हुए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को मजबूती के साथ जीतने और जागरूक करने के कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाने में सहयोग दे रहे होंगे। वास्तव में हम इस सदी की सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण स्थिति में वर्तमान में खड़े हैं। पूरी दुनिया के अन्दर ढेर सारी चुनौतियां सामने आयी हैं। विगत 06 माह में सामने आयी स्थितियों के दौरान आज उत्तर प्रदेश में हम लोग इस संवाद के लिए एकत्र हुए हैं।उन्होंने कहा कि वे प्रारम्भ से ही इस बात के पक्षधर रहे हैं कि संवाद के माध्यम से समस्याओं के समाधान का रास्ता निकलना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ‘पिक एण्ड चूज’ के बजाय एक पाॅलिसी निर्धारित कर समय-सीमा के अन्दर इन समस्याओं के समाधान का कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के काल खण्ड में उद्यमियों और निवेशकों की तमाम प्रकार की चिन्ताओं को दूर करने के लिए आज का यह संवाद आयोजित किया गया है। पिछले तीन-साढ़े तीन वर्षाें में उत्तर प्रदेश निवेश का सबसे अच्छा गंतव्य बना है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के पर्सेप्शन के बारे में देश व दुनिया का संदेश बहुत स्पष्ट है। जिन्होंने उत्तर प्रदेश में निवेश किया है अथवा निवेश के इच्छुक हैं, वे उत्तर प्रदेश के वर्तमान सकारात्मक वातावरण से अच्छी तरह भिज्ञ भी है। उत्तर प्रदेश केवल एक सामान्य राज्य नहीं है। देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ ही राष्ट्रीय कुल सकल घरेलू उत्पाद में उत्तर प्रदेश वर्तमान में 8 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। देश की सबसे बड़ी 24 करोड़ आबादी यहां निवास करती है। यह देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार भी है। उत्तर प्रदेश एक युवा राज्य है। हमारी लगभग 60 प्रतिशत आबादी कामकाजी और ऊर्जावान है। इस बड़ी आबादी को हम प्रदेश के औद्योगिक विकास के साथ ही, प्रदेश के समग्र विकास की अनेक सम्भावनाओं के साथ जोड़कर देख सकते हैं। गत् 3 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने ‘ईज़ ऑफ़ डुइंग बिज़नेस’ की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार किया है। यह सब आपके सामने है। इन सुधारों के कारण प्रदेश में निवेश का एक माहौल बना है। हमने शुरू से ही ‘ईज़ ऑफ़ डुइंग बिज़नेस में बेहतर स्थान प्राप्त करने के साथ-साथ सामान्य उद्यमी और सामान्य निवेशक के लिए उठाये जाने वाले आवश्यक कदमों पर फ़ोकस किया था। मात्र 03 वर्षाें में उत्तर प्रदेश द्वारा प्राप्त इस उपलब्धि पर कई लोगों को आश्चर्य हो रहा है। प्रारम्भ से हमारा मानना था कि उत्तर प्रदेश यह उपलब्धि हासिल करेगा। शासन-प्रशासन तथा फील्ड यूनिट के टीम वर्क के सम्मिलित प्रयासों से ही यह सफलता मिली है। विगत वर्ष राज्य के 20 विभागों में भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग के बिज़नेस रिफाॅर्म एक्शन प्लान के 187 सुधारों में से 186 सुधारों को लागू किया गया। इसमें व्यापार से सम्बन्धित 12 विनियामक (Regulatory) क्षेत्र जैसे सूचना की सुगमता, सिंगल विंडो सिस्टम, श्रम कानूनों में सुधार सहित पर्यावरण से जुडी स्वीकृतियां प्रदान करने की प्रक्रिया में व्यापक सुधार आदि सम्मिलित थे।
उन्होंने कहा राज्य का ‘निवेश मित्र’ पोर्टल भारत के सबसे बड़े डिजिटल सिंगल विंडो क्लीयरेंस प्लेटफॉर्म्स में से एक है। इस पोर्टल के माध्यम से 98 प्रतिशत उच्च समाधान दर और 94 प्रतिशत स्वीकृतियां जारी की गई हैं। ‘निवेश मित्र’ का शुभारम्भ प्रधानमंत्री ने ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018’ के दौरान किया था। वर्ष 2018 में इस पोर्टल के माध्यम से 69 सेवाओं को प्रारम्भ करते हुए, सेवाओं की संख्या में निरन्तर विस्तार किया जा रहा है। वर्तमान में ‘निवेश मित्र’ के द्वारा 146 ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जा रही है। 66 अन्य सेवाएं पाइप लाइन में हैं, जिन्हें हम इसके साथ जोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के विजन को वास्तविकता में परिवर्तित करने के लिए उत्तर प्रदेश निरन्तर प्रयासरत् है। हम उत्तर प्रदेश में औद्योगीकरण के एक नए युग को आगे ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यह राज्य के विकास और युवाओं के लिए रोजगार की व्यापक सम्भावनाओं को आगे बढ़ाएगा। कोरोना काल खण्ड के दौरान 40 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक और कामगार उत्तर प्रदेश में आये। इनकी स्किल मैपिंग तथा इन्हे अलग-अलग स्थानों पर रोजगार देने का कार्य किया गया। आने वाले समय में अपार ऊर्जा के इस स्रोत को यहाँ रोक कर उत्तर प्रदेश के विकास के साथ जोड़ सकें, इसके लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और त्वरित कनेक्टिविटी का विकास सुनिश्चित किया है।340 किलोमीटर लम्बा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन है। चित्रकूट से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे होते हुए दिल्ली तक की कनेक्टिविटी के लिए बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया है। इसके अतिरिक्त, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर आजमगढ से गोरखपुर तक की कनेक्टिविटी के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है। एन0सी0आर0 रीजन को प्रयागराज तथा वाराणसी तक जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने 600 किलोमीटर लम्बे गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया है। जेवर, जनपद गौतमबुद्धनगर में बनने वाले एशिया के सबसे बड़े नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही कुशीनगर में एक नए अन्तर्रा ष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की कार्यवाही अन्तिम चरणों में चल रही है। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए आगरा, कानपुर, बरेली, हिण्डन सहित 25 घरेलू हवाई अड्डों को विकसित करने की कार्यवाही को भी तेजी से आगे बढ़ाया है। प्रदेश में निवेश सुगमता और राज्य सरकार द्वारा निवेशकों के साथ स्थापित निरन्तर सम्पर्क के फलस्वरूप निवेशकों के विश्वास में वृद्धि हुई है। नई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के साथ 20 से अधिक क्षेत्र -विशिष्ट निवेशोन्मुखी नीतियों के पारदर्शी क्रियान्वयन से राज्य सरकार रोजगार सृजन के लिए निवेश और ‘मेक इन यूपी’ को बढ़ावा दे रही है। उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध के प्रति राज्य सरकार की जीरो टाॅलरेन्स की नीति से उत्तर प्रदेश में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की स्थिति में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन हुआ है। निवेशक सहभागियों व उद्यमियों के हित में राज्य सरकार ने एक स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के गठन की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया है। निवेशकों की सुविधा के लिए विभिन्न विभागों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति को भी आगे बढ़ाया है। एक सुदृढ़ माॅनीटरिंग के लिए तकनीक संचालित एम0ओ0यू0 ट्रैकिंग पोर्टल को भी स्थापित किया गया है। वर्ष 2018 में सम्पन्न उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट में हुए एम0ओ0यू0 में से लगभग 45 प्रतिशत एम0ओ0यू0 का क्रियान्वयन करने में सफलता प्राप्त हुई है। यह अब तक की एक रिकॉर्ड उपलब्धि है। हमारी सरकार ने कोविड-19 महामारी की आपदा से निपटने के लिए हर एक स्तर पर कदम उठाए हैं। इसके साथ ही, रोजगार सृजन पर भी विशेष ध्यान दिया है। कामगारों और श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्यों से ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ का गठन किया है। इन सभी कामगारों और श्रमिकों की स्किल मैपिंग और ग्रेडिंग की भी कार्यवाही की, ताकि एम0एस0एम0ई0 सेक्टर और औद्योगिक संस्थानो में उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप मैनपावर उपलब्ध कराया जा सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल तथा मध्यांचल में त्वरित निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 की घोषणा की है। गैर-आई0टी0 आधारित स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्ट-अप नीति के दायरे का विस्तार करते हुए उ0प्र0 स्टार्ट-अप नीति-2020 तथा ई0एस0डी0एम0 (Electronics System Design and Manufacturing) नीति का प्रभाव सम्पूर्ण राज्य में बढ़ाने के लिए उ0प्र0 इलेक्ट्राॅनिक्स मैन्युफक्चरिंग नीति-2020 जैसी नई नीतियों की घोषणा भी की गई है। इसके अलावा, डेटा सेण्टर नीति, नई खाद्य प्रसंस्करण नीति भी आने वाली है। प्रदेश में निवेशकों के लिए राज्य सरकार ने लगभग 20,000 एकड़ से अधिक का अपना लैण्ड बैंक तैयार किया है। राज्य सरकार एक व्यापक लैण्ड बैंक योजना भी बना रही है, जिसमें लैण्ड लीजिंग, लैण्ड पूलिंग, एक्सप्रेसवेज़ के किनारे तेजी से अधिग्रहण की कार्यवाही,अतिरिक्त भूमि की सब-लीज़िंग, सार्वजनिक क्षेत्र की रुग्ण इकाइयों के स्वामित्व वाली भूमि नए उद्योगों के लिए उपलब्ध कराना, जिला स्तरीय सूची तैयार करना और केन्द्रीयकृत मांग-आपूर्ति पोर्टल (Demand–Supply Portal) का विकास करना जैसे उपाय भी इसमें सम्मिलित हैं।प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 की स्थापना तथा एम0एस0एम0ई0 के माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए एम0एस0एम0ई0
नीति-2017 लागू की गयी थी। इसमें व्यापक सुधार करते हुए नई नीति सामने आयी है। इसके अन्तर्गत हमने यह तय किया है कि एम0एस0एम0ई0 उद्योग की स्थापना करने हेतु किसी भी उद्यमी द्वारा एप्लीकेशन दिये जाने के 72 घण्टे के अन्दर उसे अनुज्ञा-पत्र जारी कर दिया जाए।भारत सरकार द्वारा घोषित किये गये आत्मनिर्भर पैकेज के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा बैंकों से लगातार अनुश्रवण कर पूर्व से संचालित इकाइयों को अतिरिक्त ऋण देने की योजना में, प्रदेश में लक्षित 15,000 करोड़ रुपये के ऋण के सापेक्ष 10,400 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत एवं वितरित कराया जा चुका है। बैंकों से लगातार अनुश्रवण कर यह प्रयास किया जा रहा है कि अगले एक महीने में इस लक्ष्य को हम पूरा कर लें। इसके अतिरिक्त,बैंकों से ऐसे उद्यमी संस्थानों की भी सूची प्राप्त की जा रही है, जिन्होंने बैंकों से प्राप्त सूचना के अनुसार ऋण प्राप्त नहीं किया है। ऐसी इकाइयों से सम्पर्क कर प्रयास कराया जायेगा कि प्रदेश में अधिक से अधिक इकाइयों को इस सुविधा का लाभ प्राप्त हो सके। प्रदेश सरकार द्वारा बैंकों से लगातार अनुश्रवण कर नई एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को अधिक से अधिक संख्या में ऋण दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। बैंकों द्वारा अभी तक विभिन्न ऑनलाइन कैम्पों के माध्यम से लगभग 3 लाख 70 हजार से अधिक इकाइयों को 13,382 करोड़ रुपये के ऋण उपलब्ध कराये गये हैं। सभी बैंकों को निर्देश दिये गये हैं तथा सभीबैंकों द्वारा यह आश्वासन भी दिया गया है कि इस वर्ष नई व पुरानी दोनों प्रकार की इकाइयों को मिलाकर कम से कम 20 लाख इकाइयों को लगभग 80,000 करोड़ रुपए के ऋण वितरित किये जायेंगे। इससे बड़ी संख्या में प्रदेश में नये उद्योगों की स्थापना होगी, जिससे न केवल प्रदेश के आर्थिक उन्नयन बल्कि रोजगार सृजन में भीबड़ी मदद मिलेगी।पूर्व से विद्यमान इकाइयों को कोरोना कालखण्ड में आ रही समस्याओं तथा संचालन में आ रही कठिनाइयों का निस्तारण करने के लिए सरकार द्वारा ‘एम0एस0एम0ई0 साथी’ एप संचालित किया गया है। इसके अन्तर्गत विभिन्न राजकीय विभागों से लम्बित भुगतान,जी0एस0टी0 के लम्बित भुगतान, विभिन्न बैंकों से लम्बित ऋण के प्रार्थ ना-पत्रों सहित एम0एस0एम0ई0 की सभी समस्याओं को दूर करने के लिए इकाइयोन की मदद कराई जा रही है। उन्होंने उद्यमियों से आग्रह किया कि प्रदेश की सभी एम0एस0एम0ई0 इकाइयां इस सुविधा का लाभ लें। यह एम0एस0एम0ई0 सेक्टर के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए निवेश-प्रस्तावों, विशेष रूप से ऐसे निवेशक जो विदेशों से अपनी इकाइया प्रदेश में शिफ्ट करना चाहते हैं, उनकी सहायता के लिए एक समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। इसके परिणामस्वरूप अब तक 10 देशों से 50 से अधिक निवेश-प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया आदि के निवेशक सम्मिलित हैं। इसी प्रकार भारत के विभिन्न निवेशको ने भी इसमें रुचि दिखायी है। इसमें आइकिया, याज़ाकी, मियाची कॉर्प, एबी माउरी, ब्रिटानिया आदि सम्मिलित हैं। उत्तर प्रदेश में एक समर्पित निवेश प्रोत्साहन एवं सुविधा एजेंसी ‘इन्वेस्ट यूपी’ की स्थापना की गई है। यह संस्था ‘उद्योग बन्धु’ के स्थान पर कार्य करेगी। ‘उद्योग बन्धु’ केवल निवेश की सुविधा प्रदान कर रहा था, ‘इन्वेस्ट यूपी’ राज्य में निवेश को प्रोत्साहित भी करेगा। ‘इन्वेस्ट यूपी’ में, राज्य सरकार निवेश के पूरे जीवन-चक्र के लिए निवेशक को सहायता प्रदान करेगी।ई0एस0डी0एम0 (Electronics System Design and Manufacturing), आई0टी0,खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, टेक्सटाइल, पर्यटन और फिल्म आदि क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश में पारम्परिक निवेश के अवसरों के अतिरिक्त सौर ऊर्जा, जैव ईंधन और नागरिक उड्डयन में उपलब्ध असीम सम्भावनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। डिफेंस एवं एयरोस्पेस,
वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, डेटा सेंटर, इलेक्ट्रिक वाहन, फार्मास्युटिकल उद्योग जैसे सेक्टर अब राज्य में निवेश के नए केन्द्र हैं।उत्तर प्रदेश में विकसित की जा रही डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। ‘मेक इन इण्डिया डिफेंस’ के लिए राज्य में विद्यमान विशाल एम0एस0एम0ई0 आधार का लाभ इसको प्राप्त होगा। डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की सम्भावना है। दादरी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और बोडाकी में ट्रांसपोर्ट हब ग्रेटर नोएडा क्षेत्र को उत्तरी भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करने का कार्य वर्तमान में प्रारम्भ कर रहे हैं। जेवर में अन्तर्रा ष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के साथ ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे को एक बेहतर और आकर्षण निवेश गंतव्य के रूप में पूरी दुनिया देख रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को 05 ट्रिलियन यू0एस0 डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। उत्तर प्रदेश ने भारत की इस नई विकास गाथा में योगदान देने के उद्देश्य से 01 ट्रिलियन यू0एस0 डॉलर की अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने की दिशा में यह सभी कदम आगे बढ़ाये हैं। वर्तमान कोविड-19 आपदा के फलस्वरूप कुछ चुनौतियां हैं। उन चुनौतियो का सामना करते हुए हम तेजी से प्रदेश के औद्योगीकरण के साथ ही अर्थव्यवस्था को मजबूती से आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। उद्यमों और उद्योगों की सुविधा के लिए निरन्तर कदम उठाये जा रहे हैं। राज्य सरकार के इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी उद्यमियों और निवेशकों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि वे आपसी संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान करेंगे। उत्तर प्रदेश को निवेश के सबसे बेहतर गंतव्य के रूप में भी स्थापित करेंगे। उन्होंने उद्यमियों और निवेशकों से कहा कि कोविड-19 से बचाव के प्रति जागरूक रहते हुए उत्तर प्रदेश के विकास में सहभागी बनें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फिक्की की अध्यक्ष डाॅ0 संगीता रेड्डी, एसोचैम के अध्यक्ष डाॅ0 निरंजन हीरानन्दानी, सी0आई0आई0 नाॅर्दन रीजन के निखिल साहनी, पी0एच0डी0सी0सी0आई0 के अध्यक्ष डाॅ0 डी0के0 अग्रवाल, आई0आई0ए0 के अध्यक्ष पंकज कुमार, एफ0आई0ई0ओ0 के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ, ट्रेड प्रमोशन काॅउन्सिल ऑफ इण्डिया के चेयरमैन मोहित सिंगला तथा लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष बल्देव भाई प्रजापति से संवाद किया। इसके साथ ही, उन्होंने कानपुर नगर, गोरखपुर, मेरठ और गाजियाबाद जनपदों के उद्यमियों से भी वार्ता की।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ईज़ ऑफ डूईंग बिजनेस में प्रदेश ने देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। वर्तमान सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री ने उद्योग व निवेश को लेकर एक रोड मैप तैयार किया, जिसके अन्तर्गत नियमों का सरलीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था स्थापित हुई है। अवस्थापना सुविधाओं का काफी विकास किया गया है। जिसके कारण उत्तर प्रदेश, देश में निवेशकों का प्रमुख केन्द्र बना है।