4200 करोड़ रूपये के धोखाधड़ी में शामिल वांक्षित अभियुक्त को एस0टी0एफ0 ने किया गिरफ्तार


पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 एवं अपर पुलिस महानिदेशक, (कानून व्यवस्था),उ0प्र0 द्वारा थाना दादरी जनपद, गौतमबुद्धनगर पर पंजीकृत मु0अ0सं0 592/19 धारा 420/409/467/468/471/120बी/201 भादवि एंव 58बी आर0बी0आई0एक्ट व 58ए कम्पनी एक्ट जिसकी विवेचना ई0ओ0डब्लू0 मेरठ द्वारा सम्पादित की जा रही हैं, के वांछित चल रहें अभियुक्तों की गिरफ्तारी में सहायोग हेतु निर्देशित किया गया था।


उक्त निर्देशो के अनुपालन में कुलदीप नारायण, पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, मेरठ के पर्यवेक्षण में एस0टी0एफ0 फील्ड इकाई, मेरठ द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।


एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश की फील्ड इकाई मेरठ को थाना दादरी, जनपद गौतमबुद्धनगर पर पंजीकृत मु0अ0सं0 592/19 धारा 420/409/467/468/471/120बी/201 भादवि एंव 58बी आर0बी0 आई0एक्ट व 58ए कम्पनी एक्ट में वांछित रू0 50,000/- के पुरस्कार घोषित अपराधी करणपाल सिंह पुत्र केहरी सिंह, निवासी म0नं0- एफ-83, गंगा सागर डिफेन्स कालोनी,
थाना गंगानगर, जनपद मेरठ को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। 


एस0टी0एफ0 द्वारा पूछताछ में अभियुक्त करणपाल सिंह ने बताया कि वह भारतीय सेना की 6 जाट रेजिमैन्ट बरेली से वर्ष 2009 में रिटायर हुआ था तथा रिटायर होने के पश्चात वर्ष 2013-2014 में देहरादून में सिक्योर लाईफ इन्वेस्टमैन्ट नामक कम्पनी में कार्य किया एवं लोगों से पैसों का इन्वेस्टमैन्ट कराया। इसके बाद वर्ष 2016-17 में संजय भाटी निवासी ग्राम चित्ती के सम्पर्क में आया, जो गर्वित इनोवेटिड प्रा0लि0 (जी0आई0पी0एल0) कम्पनी नोएडा का मालिक था और लोगों से बाईक के नाम पर इन्वेस्टमैन्ट करवाता था। मैंने संजय भाटी के साथ मिलकर बहुत से लोगों को इस कम्पनी के साथ जोड़ा और बाईक के नाम पर इन्वेस्टमेन्ट कराया। कम्पनी द्वारा 62100/-रूपयें प्रति बाईक इन्वेस्ट करवाया जाता था और इसके एवज में इन्वेस्टर को एक वर्ष तक 9800/- रूपये प्रतिमाह देने का वादा किया जाता था। इस प्रकार एक वर्ष में लगभग दो गुने मुनाफे का लालच देकर लोगों को फंसाया जाता था तथा यदि एक व्यक्ति द्वारा तीन बाईक लगाये जाने पर एक्स्ट्रा बोनस देने का भी लालच दिया जाता था। इस प्रकार हम लोगों ने कई सौ लोगों को इस कम्पनी के साथ जोड़ कर उनके साथ धोखा कर लगभग 4200 करोड़ रूपये का घोटाला किया। इस काम में हमारे साथ और भी बहुत लोग जुडे़ हुए थे। वर्ष 2018 में मुझे संजय भाटी द्वारा उक्त कम्पनी का डायरेक्टर बनाकर साईनिंग अथारिटी दे दी गयी तथा सारे भुगतान मेरे द्वारा ही किये जाने लगे। वर्ष 2019 में जब बहुत पैसा इकट्ठा हो गया तो हम लोग कम्पनी बन्द कर फरार हो गये और मैं भी छिपता-छुपाता ठिकाने बदलता घूम रहा था। आज मैं अपने निजी काम से किसी से मिलने हापुड चुंगी, गाजियाबाद आया था कि आप लोगों ने पकड़ लिया।


 


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