आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित 03 अभियुक्त गिरफ्तार
लखनऊ। एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से फर्जी फेसबुक प्रोफ़ाइल बनाकर व लोगों की फेसबुक प्रोफ़ाइल हैक कर फ्रेंड लिस्ट पर एड लोगों को मैसेन्जर पर चैट कर खुद को मुसीबत में होने का झाँसा देकर फर्जी नाम पते पर खोले गये पेटीएम, फोन पे, गूगल पे आदि यूपीआई एकाउंटस में रूपये जमा कराकर, आनलाइन ठगी करने वाले गिरोहों के सक्रिय होने के सूचना प्राप्त हो रही थी।
इस सम्बन्ध मे विशाल विक्रम सिंह, प्रभारी पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 के पर्यवेक्षण मे एस0टी0एफ0 मुख्यालय की साइबर टीम को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। अभिसूचना संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि राजेन्द्र तिवारी, मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन के नाम से सोशल मीडिया (फेसबुक) पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से धन उगाही करने का प्रयास किया जा रहा था, जिसके सम्बन्ध में दिनेश कुमार गुप्ता उपनिदेशक, मुख्य सचिव कार्यालय, उ0प्र0 शासन लोक भवन, उ0प्र0 सचिवालय लखनऊ के द्वारा थाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, लखनऊ पर मु0अ0सं0-05/2020 धारा 419/420 भादवि, 66(सी), 66(डी) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम पंजीकृत कराया गया।
मुखबिर खास द्वारा मिली सूचना के आधार पर गिरोह के सरगना शराफत उर्फ काला पुत्र कासिम निवासी ग्राम-मडौरा, सुखदीन खांन पुत्र स्व0 शरीफ खान निवासी ग्राम-मडौरा एवं अजरू पुत्र जुम्मा निवासी ग्राम-मडौरा, थाना गोवर्धन को 03 अदद मोबाइल सहित साइबर क्राइम का गढ़ कहे जाने वाले थाना क्षेत्र गोवर्धन जनपद मथुरा थाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन लखनऊ की संयुक्त टीम द्वारा गिरफ्तार करने मे सफलता प्राप्त हुई। पूछताछ में गिरफ्तार गैंग के सरगना सराफत उर्फ काला ने बताया कि साबिर पुत्र जमली निवासी ग्राम मडौरा थाना गोवर्धन जनपद मथुरा कई वर्षों से फेसबुक प्रोफाईल हैक कर/फर्जी फेसबुक प्रोफाईल बनाककर लोगों को मैसेन्जर पर चैट कर खुद को मुसीबत में होने का झांसा देकर फर्जी नाम पते पर खोले गये पेटीएम, फोन पे, गूगल पे आदि यूपीआई एकाउंटस में रूपये जमा कराकर, आनलाइन ठगी कर रहा था। हम लोग रेण्डम नम्बर को फेसबुक आईडी व पासवर्ड में डालकर हैकिंग का प्रयास करते रहते है, जिन फेसबुक प्रोफाईल का आईडी व पासवर्ड एक ही नम्बर होता है वो आसानी से हैक हो जाती हैं।
इसके अतिरिक्त कुछ लोगों की फेसबुक प्रोफाईल को देख कर ही यह पता लग जाता है कि यह व्यक्ति बहुत धनी/रसूखदार है। इसके बाद यह लोग 20 से 30 प्रतिशत रूपये काट कर 70 से 80 प्रतिशत हमे कैश में वापस कर देते है इन्ही लोगो द्वारा इन्टरनेट/कालिंग के लिए असम, उड़ीसा, महाराष्ट्र आदि राज्यों की सिम रू0 1000/- में दी जाती है। यह सिम फर्जी नाम पते पर होती है। इन सिमों का प्रयोग हम लोग अलग-अलग मोबाइलो पर करते है व कुछ दिन बाद मोबाइल व सिम बदल देते हैं, जिससे पुलिस हमें आसानी से खोज न सके। वर्तमान समय में हमारे गाॅव के आसपास के 3-4 गाॅवों के युवा जंगलों व खेतों में बैठ कर OLX फ्रॉड एवं फेसबुक प्रोफाईल हैकिंग कर आनलाइन ठगी कर रहे है। यदि 01-02 गाडियो से पुलिस हमे पकडने आती है तो गाॅव के 100-200 लोग घेर कर पुलिस टीम पर पथराव कर देते है, जिससे पुलिस हम लोगो को गिरफ्तार करने के लिए हमरे गाॅव में प्रेवेश करने से डरती है। जब कभी अधिक मात्रा में पुलिस हमें पकडने आती है तब हम लोग खेतो में व जंगलों के रास्ते राजस्थान व हरियाणा भाग जाते है क्योंकि हमारे गाॅव राजस्थान व हरियाणा बार्डर से सटे हुए है।