लखनऊ में बढ़ते हुए प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बुलाई आपात बैठक

लखनऊ। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश द्वारा वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु एक आपात बैठक बुलाई गई। एलडीए, नगर निगम, वन विभाग, कृषि विभाग, परिवहन, यातायात, ट्रैफिक पुलिस, आवास विकास, एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम, उद्योग विभाग, यूपीएसआरटीसी, पूर्ति विभाग समेत अन्य सभी संबंधित विभागों तथा उद्योग जगत के प्रतिनिधि के रूप में आईआईए के प्रतिनिधियों के साथ धूल एवम् अन्य प्रकार के वायु प्रदूषकों पर नियंत्रण हेतु आपात एवम् अपरिहार्य निर्देश निर्गत किए गए।


बैठक में जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि विशेष रूप से सभी विभागों से संबंधित निर्माण इकाइयों द्वारा निर्माण स्थलों पर  ग्रीन नेट , एंटी स्मोक गन , पीटीजेड कैमरा, सेल्फ डस्ट कंट्रोल ऑडिट, पानी का छिड़काव आदि व्यवस्थाएं अनिवार्यतः सुनिश्चित कर लिया जाय। 


सेल्फ डस्ट कंट्रोल ऑडिट हेतु क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण डॉ राम करन द्वारा अवगत कराया गया कि वेबसाइट dustapp.upecp.in पर सेल्फ डस्ट कंट्रोल ऑडिट की प्रक्रिया सभी निर्माण इकाइयों द्वारा पूर्ण की जानी है।


नगर आयुक्त लखनऊ अजय द्विवेदी द्वारा अवगत कराया गया कि निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव एसटीपी से अवमुक्त ट्रीटेड वॉटर का किया जाना है तथा सभी निर्माण इकाइयां इस हेतु नगर निगम द्वारा संचालित कंट्रोल रूम से संपर्क कर शोधित जल प्राप्त करें। किसी भी दशा में छिड़काव के लिए भूगर्भ जल का उपयोग नहीं किया जाएगा। जिलाधिकारी ने उपरोक्त एवम् समय - समय पर निर्गत अन्य सभी निर्देशों के कड़ाई से अनुपालन तथा उल्लंघन की दशा में प्रवर्तन कार्रवाई हेतु निर्देश दिए तथा क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण निर्देशन द्वारा अनुरोध पर प्रदूषण नियंत्रण हेतु प्रवर्तन कार्रवाई में जनशक्ति के सहयोग हेतु नगर निगम को अधिकृत करने पर सैद्धांतिक सहमति भी प्रदान की। पी टी ज़ेड कैमरा हेतु दिनांक 10 अक्टूबर 2020 की अंतिम तिथि पूर्व से नियत है। जिलाधिकारी ने उक्त तिथि से पूर्व अनुपालन सुनिश्चित करने तथा परिवहन विभाग एवम् ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन प्रदूषण पर प्रभावी कार्रवाई हेतु रविवार से विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। आईआईए प्रतिनिधि द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में लैंड फिल साइट की व्यवस्था न होने की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया गया जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल समस्या का संज्ञान लेते हुए यूपीएसआईडीसी को औद्योगिक क्षेत्र में उक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया। इसके अतिरिक्त आगामी फसल कटान सीजन के दृष्टिगत पराली जलाने की समस्या के लिए अभी से आवश्यक जागरूकता अभियान एवम् प्रवर्तन हेतु स्ट्रैटजी तैयार रखने हेतु जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया गया। सभी विभागों द्वारा अनिवार्यतः आज ही अब तक वायु प्रदूषण पर की गई कार्रवाई का विवरण उपलब्ध कराने तथा उत्तरोत्तर प्रगति की नियमित अंतराल पर सूचना क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण के माध्यम से प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया। 


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