मन के दरवाजे पर विवेक और धैर्य नामक सिपाही को बैठाना चाहिए


मन के दरवाजे पर तो विवेक और धैर्य नामक सिपाही को बैठाना चाहिए लेकिन हम मन के द्वार पर तेरे मेरे को बिठा देते हैं।


भगवान कहते हैं कि हे जीव तूने मुझे एक पुतला बना दिया है जबकि तू मेरा है और तू कहता है कि मैं तेरा।


सर्वं का एक अर्थ कि सर्व सिद्धि और सर्व साधन भगवान हैं। एक वैष्णव का सर्व साधन केवल श्री कृष्ण हैं। जप करें तो श्रीकृष्ण, सेवा करें तो श्रीकृष्ण उसका समग्र साधन रूप श्रीकृष्ण है। भगवदियों को ऐसा नहीं लगता कि मैंने किया।


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स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें