रायबरेली विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माण को रोकने के लिए जारी आदेश पर कानूनी कार्यवाही करने में कोतवाली नगर पुलिस नाकाम


रायबरेली / लखनऊ : रसूखदारों के सामने ' कानून का राज्य ' कैसे आत्मसमर्पण करता है , कैसे तलुए चाटता है , कैसे लेन - देन से खुलेआम कानून तोड़ा जाता है ... इससे प्रत्यक्ष रूप से अवगत होने के लिए रायबरेली शहरी क्षेत्र के जहानाबाद में भारत फर्नीचर के सामने प्रभात सिंह एवं आशुतोष कुमार द्वारा किये जा रहे अवैध निर्माण के जरिये प्रत्यक्ष रूप से देखा - समझा जा सकता है। इस निर्माण में हो रही अनियमितता को देखते हुए   रायबरेली विकास प्राधिकरण द्वारा धारा - 27 व 28 (1) की नोटिसें जारी की गयी , इसके बावजूद यह अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी रहा। रायबरेली विकास प्राधिकरण द्वारा 31 / 08 / 2020 को धारा 28 (2) का संदर्भ देकर  प्रभारी निरीक्षक : कोतवाली नगर को आदेशित किया गया था कि निर्माण को तत्काल बंद करा दिया जाय और यह भी सुनिश्चित किया जाय कि आगे कोई निर्माण न होने पाये। इस आदेश की प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक को भी प्रेषित कर दिया गया था , इसके बावजूद धड़ल्ले से यह अवैध निर्माण जारी है।


यह कोई पहला अवसर नहीं है कि जब प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण / जमीन कब्जे करने को खुलेआम संरक्षण दिया गया। रायबरेली शहर में मोहाल जियाउद्दीन , अख्तियारपुर की N.Z.A. गाटा संख्या 384 में रकबा 2 - 12 - 00 की जिस जमीन पर अबैध निर्माण हो रहा था , उसके असल मालिक ने तत्कालीन जिलाधिकारी / पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद उक्त जमीन के असल हकदारों के आग्रह पर इस अबैध निर्माण को तत्काल रोकने और इसके लिए जिम्मेदार पुरूषोत्तम गुप्ता तथा उनके इस गैर - कानूनी कृत्यों में सहायता करने वाले जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों - कर्मचारियों के खिलाफ त्वरित , निष्पक्ष व सक्षम जांच करवाने व जो भी दोषी पाये जाए उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करवाने के लिए मैने अपर पुलिस महानिदेशक ( लखनऊ जोन ) / पुलिस महानिरीक्षक ( लखनऊ परिक्षेत्र ) से मिलकर प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया जिसके आधार पर क्रमश : 22 अगस्त / 19 अगस्त को अपर पुलिस अधीक्षक / सीओ कार्यालय द्वारा जांच के नाम पर लीपापोती हुई। तथ्य यह साबित कर रहे है कि N.Z.A. गाटा संख्या 384 में रकबा 2 - 12 - 00 पर किया गया निर्माण पूर्णतया अबैध है जो कि रायबरेली विकास प्राधिकरण , सिटी मजिस्ट्रेट , स्थानीय कोतवाली नगर की पुलिस व अन्य भ्रष्ट अधिकारियों - कर्मचारियों की मिलीभगत से ही संभव हुआ और इस अबैध निर्माण में पूर्व जिलाधिकारी / पुलिस अधीक्षक की मौन सहमति ने उनको संदेह के कटघरे में खड़ा कर दिया है। अपर पुलिस महानिदेशक ( लखनऊ जोन ) / पुलिस महानिरीक्षक ( लखनऊ परिक्षेत्र ) के यहां से अग्रसारित हुए मेरे प्रार्थनापत्रों पर जांच के नाम पर जो फर्जीवाड़ा किया गया है , उसे देखते हुए अब मेरे पास रायबरेली शहर में मोहाल जियाउद्दीन ,अख्तियारपुर की N.Z.A. गाटा संख्या 384 में रकबा 2 - 12 - 00 पर किये गए अबैध निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के प्रत्येक पहलू की सीबीआई / एसआईटी से जांच करवाने के लिए संघर्ष करने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं है। 



सवाल यह है  कि प्रभात सिंह एवं आशुतोष कुमार द्वारा किये जा अबैध निर्माण को रायबरेली विकास प्राधिकरण के आदेश के बावजूद तत्काल क्यों नहीं  रोका गया और किये गए अबैध निर्माण को ध्वस्त करने की प्रक्रिया अभी तक क्यों नहीं शुरू हुई ? यदि कोतवाली नगर पुलिस अवैध निर्माण के आरोपितों प्रभात सिंह एवं आशुतोष कुमार से भयभीत थी तो इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक को क्यों नहीं दी गई ? यदि इस अबैध निर्माण की सूचना पुलिस अधीक्षक को दी गई तो उन्होंने इसे रोकने के लिए अभी तक कोई पहल क्यों नहीं की ? यहां यह तथ्य संज्ञान में लेना जरूरी है कि रायबरेली विकास प्राधिकरण ने  प्रभात सिंह एवं आशुतोष कुमार द्वारा किये जा रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए 31 / 08 / 2020 को जो आदेश जारी किया था उसकी प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक को भी भेजा था। यह किसी भय - दबाव के नाते प्रभात सिंह एवं आशुतोष कुमार द्वारा किये जा अबैध निर्माण के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं रोकी गई दरअसल यह मामला पुलिस और कानून तोड़ने वालों के बीच मिलीभगत का परिणाम है जिसके नाते केवल यही नहीं बल्कि शहर में दूसरे अबैध निर्माण भी किये जा रहे है , जमीन कब्जायी जा रही है लेकिन पुलिस के दमनात्मक कार्य - व्यवहार के चलते लोग मौन धारण करने के लिए विवश है। अब जबकि यह मामला सार्वजनिक हो चुका है तब कोतवाली नगर पुलिस द्वारा जानबूझकर अबैध निर्माण के लिए जिम्मेदार प्रभात सिंह एवं आशुतोष कुमार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही न करने को लेकर क्या उसके खिलाफ  दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी ? 


* नैमिष प्रताप सिंह , पूर्व स्वतंत्र प्रत्याशी : 36 रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से जितेन्द्र झा से हुई बातचीत पर आधारित


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