उर्वरकों का रियल टाइम एक्नॉलेजमेंट के साथ किसानों को शत प्रतिशत वितरण पीओएस मशीन से कराने के दिए निर्देश: डॉ0 देवेश चतुर्वेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एमएफएमएस पोर्टल पर उर्वरकों का रियल टाइम एक्नॉलेजमेंट कराते हुए किसानों को शत प्रतिशत वितरण पीओएस मशीन के माध्यम से कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि विभाग द्वारा एमएफएमएस पोर्टल पर उर्वरकों की बिक्री हेतु समयबद्ध एक्नॉलेजमेंट की व्यवस्था की गई है। अपर मुख्य सचिव डॉ0 देवेश चतुर्वेदी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उर्वरक विनिर्माताओं से थोक विक्रेता और थोक विक्रेता से फुटकर विक्रेता तक उर्वरक के एक्नॉलेजमेंट व्यवस्था रियल टाइम में किये जाने के निर्देश दिए गए हैंए जिससे कृषकों को उर्वरक वितरण के साथ ही डीबीटी प्रणाली के अंतर्गत वास्तविक विक्रेता का नाम दर्ज हो सके।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि भौतिक रूप से जैसे ही उर्वरक का मूवमेंट होता हैए वैसे ही ऑनलाइन प्रणाली को भी अद्यावधिक करना सुनिश्चित कराया जाए। इसमें विलंब करने वाले फुटकर एवं थोक उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि समस्त मंडलायुक्त एवं ज़िलाधिकारियों को जारी निर्देशों में कहा गया है कि निजी क्षेत्रए सहकारिता क्षेत्र एवं अन्य बिक्री केंद्रों के द्वारा अनिवार्य रूप से शत.प्रतिशत पीओएस मशीन के माध्यम से ही उर्वरक की बिक्री निर्धारित दरों पर सुनिश्चित कराई जाए।
पीओएस मशीन के माध्यम से उर्वरक की बिक्री नहीं करने तथा उर्वरक क्रेता किसानों को पीओएस मशीन से निकलने वाली पर्ची नहीं देने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। डॉ0 चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश के जनपदों में 4087 पीओएस मशीन विगत 2 वर्षों से उर्वरक विक्रेताओं द्वारा प्रयोग में नहीं लाई गई हैं। ऐसे अक्रियाशील उर्वरक विक्रेताए जिनके द्वारा पीओएस मशीन लेकर एमएफएमएस पोर्टल पर आईडी जारी कराई गई हैए परंतु लंबे समय से उनके द्वारा कोई व्यापार नहीं किया गया हैए ऐसी स्थिति में उनकी आईडी पोर्टल से डिलीट कराते हुए पीओएस मशीन जमा कराकर आवश्यकता के अनुसार उनका उपयोग किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि पीओएस मशीन खराब होने पर मोबाइल और बायोमेट्रिक स्कैनर का उपयोग भी किया जा सकता हैए जिससे बिक्री निर्बाध रूप से चलती रहे। ऐसी स्थिति में सभी फुटकर विक्रेताओं के पास इनकी वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।