80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति केवड़िया, गुजरात में करेंगे


संविधान दिवस के उत्सव और पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के शताब्दी वर्ष को दृष्टिगत रखते हुए इस बार 80वें सम्मेलन का आयोजन 25 व 26 नवम्बर गुजरात की धरती पर केवड़िया में होने जा रहा है। आज गांधीनगर में आयोजित पत्रकार परिषद में लोकसभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने यह जानकारी दी।


ओम बिरला ने कहा कि 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविद 25 नवम्बर 2020 को प्रातः 11 बजे करेंगे । कार्यक्रम में राज्य सभा के उपसभापति तथा माननीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी उपस्थित रहेंगे। पीठासीन अध्यक्षों के सम्मेलन के सभापति भी इस दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल रहेंगे।


गुजरात के माननीय राज्यपाल आचार्य देवव्रत, माननीय मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित कई गणमान्य अतिथि भी सम्मेलन में शिरकत करेंगे। सम्मेलन में देश की सभी विधानसभाओं और विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। 27 विधानसभाओं व विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारियों की सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि हो चुकी है। सम्मेलन में सभी राज्यों के विधानमंडलों के सचिवों तथा अन्य उच्च अधिकारियों के भी सम्मिलित होने की सम्भावना है।



गुजरात की धरती वह पावन भूमि है जहां भारत को गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाने वाले भारत माता के महान सपूत महात्मा गांधी का जन्म हुआ। साढ़े पांच सौ से अधिक रियासतों में बंट देश को एक राष्ट्र बनाने वाले लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म भी यहीं हुआ था।  गुजरात में 130 करोड़ भारतीयों के देश की एकता और अखण्डता के प्रति समर्पित रहने के प्रतीक के रूप में दुनिया की सबसे विशाल प्रतिमा स्थापित है।


ओम बिरला ने कहा कि 26 नवम्बर का दिन लोकतांत्रिक इतिहास का महत्वपूर्ण दिन हैं क्योंकि यह दिन पूरे देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के शताब्दी वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है।अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की परम्परा वर्ष 1921 में प्रारंभ की गई थी। बीती अवधि में यह सम्मेलन लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूती प्रदान करने की दृष्टि से अनुभवों, नए विचारों और नवाचारों को साझा करने का एक सशक्त मंच सिद्ध हुआ है। इस बार के सम्मेलन का विषय ‘सशक्त लोकतंत्र हेतु विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका का आदर्श समन्वय’’ रखा गया है।


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