चंचल मन का निग्रह करना बहुत कठिन है
मन बड़ा चंचल और बलवान है। यह साधक को जबरदस्ती विषयों में ले जाता है। शास्त्रों ने तो यहाँ तक कह दिया कि मन ही मनुष्यों के मोक्ष और बन्धन में कारण है। इस चंचल मन का निग्रह करना बड़ा कठिन है।
जैसे आकाश में विचरण करते हुए वायु को कोई मुठ्ठी में नहीं पकड़ सकता, ऐसे ही इस मन को कोई पकड़ नहीं सकता। मन के निग्रह के लिए दो उपाय हैं- अभ्यास और वैराग्य। अभ्यास भी निरंतर होना चाहिये। ऐसा नहीं कि कभी किया और कभी नहीं किया।