ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह को प्रधानमंत्री ने किया सम्बोधित


देखिए जीवन की एक बड़ी समस्‍या जब हल होने लगती है तो एक अलग ही विश्‍वास झलकने लगता है। ये विश्‍वास आप सभी के साथ जो संवाद का कार्यक्रम बनाया गया,टेक्‍नोलॉजी में बाधा के कारण हर किसी से मैं बात नहीं कर पाया, लेकिन मैं आपको देख पा रहा था। जिस प्रकार से आप जैसे घर में बहुत बड़ा उत्‍सव हो और जिस प्रकार से कपड़े पहनते हैं घर में, साज-सज्‍जा, वो सब मुझे दिख रहा था। मतलब की कितना उत्‍साह और उमंग भरा पड़ा है आपके अंदर वो मैं यहां से देख रहा था। ये उत्‍साह, ये उमंग, ये अपने-आप में ही इस योजना का मूल्‍य कितना बड़ा है, पानी के प्रति आप लोगों की संवेदनशीलता‍ कितनी है, परिवार मैं जैसे शादी-ब्‍याह हो, ऐसा माहौल आपने बना दिया है।


इसका मतलब हुआ कि सरकार आपकी समस्‍याओं को भी समझती है, समस्‍याओं के समाधान में सही दिशा में आगे भी बढ़ रही है और जब आप इतनी बड़ी मात्रा में जुड़े हैं, उत्‍साह-उमंग के साथ जुड़े हैं तो मुझे पक्‍का विश्‍वास है कि योजना- सोचा है उससे जल्‍दी होगी, हो सकता है पैसे भी बचा लें आप लोग और अच्‍छा काम करें। क्‍योंकि जनभागीदारी होती है तो बहुत बड़ा परिणाम मिलता है।


यही नहीं इस योजना का लाभ इंसानों के साथ-साथ पशुधन को भी हो रहा है। पशुओं को साफ पानी मिलता है तो वो भी स्वस्थ रहते हैं। पशु स्वस्थ रहें और किसान को,पशुपालक को परेशानी ना हो,इस उद्देश्य को लेकर भी हम आगे बढ़ रहे हैं। यहां यूपी में तो योगी सरकार के प्रयासों से जिस प्रकार इंसेफ्लाइटिस के मामलों में कमी आई है, उसकी चर्चा तो दूर-दूर तक है।


मासूम बच्चों का जीवन बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी और उनकी पूरी टीम को मैं मानता हूं हर उत्‍तर प्रदेश वासी इतने आर्शीवाद देता होगा, इतने आर्शीवाद देता होगा शायद जिसकी हम कल्‍पना भी नहीं कर सकते। जब विंध्यांचल के हजारों गांवों में पाइप से पानी पहुंचेगा,तो इससे भी इस क्षेत्र के मासूम बच्चों का स्वास्थ्य सुधरेगा,उनका शारीरिक और मानसिक विकास और बेहतर होगा। इतना ही नहीं, जब शुद्ध पानी मिलता है तो कुपोषण के खिलाफ जो हमारी लड़ाई है, पोषण के लिए हम जो मेहनत कर रहे हैं, उसके भी अच्‍छे फल इसके कारण मिल सकते हैं।


Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें