साहिब श्री गुरू रामदास जी महाराज का प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) मनाया गया


सिखों के चौथे गुरु साहिब श्री गुरू रामदास जी महाराज का प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) दिनांक 02-11-2020 दिन सोमवार को श्री गुरू सिंह सभा, ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिन्डोला, लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


इस अवसर पर प्रातः का दीवान 6.30 बजे सुखमनी साहिब के पाठ से दीवान आरम्भ हुआ जो 10.30 बजे तक चला। जिसमें हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुरवाणी मे नाम सिमरन तथा शबद कीर्तन-राम दास सरोवर नाते, सब उतरे पाप कमाते।


शबद कीर्तन गायन कर समूह संगत को निहाल किया। मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने साहिब श्री गुरू रामदास जी महाराज के प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आप का जन्म चूना मण्डी लाहौर (पाकिस्तान) मे हुआ था। आपके पिता का नाम श्री हरदास जी और माता जी का नाम दया कौर जी था। छोटी उम्र मे आप के माता-पिता का निधन हो गया तो आपकी नानी जी आपको लेकर ‘‘बासरके‘‘ मे आ गयी। यहाँ आकर आपने घुँघनियां (उबला हुआ चना) बेचना शुरु कर दिया। गुरु अमरदास जी के दर्शन कर तन-मन से उनकी सेवा और गुरु की बाणी पढ़ते और सिमरन करते रहे। गुरु अमरदास जी ने आपको ‘‘गुरु का चक्क‘‘ बसाने का कार्य सौंपा। बाबा बुड्ढा जी को साथ लेकर पहले सरोवर की खुदाई की और नींव रखी। दुख भंजन बेरी के पास एक तालाब बनवाया जिसमें सच्चे मन से स्नान करने पर दुःख और रोग दूर होे जाते हैं। जो आज एक महान तीर्थस्थल (श्री अमृतसर) हरिमन्दिर साहिब के नाम से प्रसिद्ध है। जहाँ देश विदेश से श्रधालु आकर दर्शन करते हैं और सच्चे मन से पवित्र सरोवर में स्नान करके दुःख एवं कष्टों से मुक्ति पाते हैं। रागी जत्था भाई हरप्रीत सिंह जी ने भी “धनुं धनुं रामदास गुरु जिन सिरिआ तिनै सवारिआ।।“ गुरबाणी कीर्तन गायन किया।


दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष स0 राजेन्द्र सिह बग्गा ने नगरवासियों को साहिब श्री गुरू रामदास जी के प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) की बधाई दी और रागी जत्था भाई हरप्रीत सिंह जी जो गत् पाँच महीनों से हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह जी जो आस्ट्रेलिया गये हुए थे उनकी जगह पर सेवा कर रहे थे उनको गुरुदारा साहिब में की गई सेवाओं के लिए सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बिदाई दी गई। कार्यक्रम का संचालन स0 सतपाल सिंह मीत ने किया। तत्पश्चात् संगत में खीर का प्रसाद वितरित किया गया।


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