आदित्य बिरला सनलाइफ इंश्योरेंस कम्पनी का फर्जी अधिकारी बनकर करोड़ो रू0 की ठगी करने वाला अभियुक्त गिरफ्तार

लखनऊ। एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को आदित्य बिरला सनलाइफ इश्योरेंश कम्पनी का अधिकारी बनकर बीमा मे बोनस व लोन दिलाने के नाम पर करोडों रूपये की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना अभियुक्त राजकुमार उर्फ राहुल को साउथ गणेश नगर दिल्ली से गिरफ्तार करने, लगभग एक लाख कस्टमर का अनाधिकृत डेटा व भारी मात्रा मे कूटरचित दस्तावेज बरामद करने मे उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

राजकुमार उर्फ राहुल पुत्र राम के पास से 01 अदद लैपटाप,01 कम्प्युटर (सीपीयू), .12 अदद मोबाइल फोन,09 अदद एटीएम कार्ड,10 अदद चेक बुक,03 अदद पास बुक, 01 अदद आधार कार्ड,02 अदद पैनकार्ड (कूट रचित),02 अदद निवार्चन कार्ड (कूट रचित),04 अदद मोहरें आदित्य बिरला सन लाइफ इंश्योरेंश कम्पनी व अन्य कम्पनियों की,11 अदद रजिस्टर व डायरी (आदित्य बिरला सनलाइफ के कस्टमर से ठगी गये,रूपयो का हिसाब की),कस्टमर डेटा लगभग एक लाख कस्टमर का(आदित्य बिरला सनलाइफ इंश्योरेंश कम्पनी व अन्य कम्पनियो से सम्बन्धित),कूटरचित दस्तावेज भारी मात्रा में,नकद धनराशि 6780/- रू0 बरामद हुए है। 

एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को निखिल छाबडा मैनेजर फ्राड कन्ट्रोल एव कम्पलायंस आदित्य बिरला सनलाइफ इंश्योरेंस के द्वारा प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि आदित्य बिरला सनलाइफ इंश्योरेंस कम्पनी के कस्टमर का डेटा हैक कर उनको काल व व्हाट्सअप कर बीमा मे बोनस देने व लोन देने का प्रलोभन देकर एक संगठित गिरोह द्वारा ठगी की जा रही है। इस सम्बन्ध में अनिल सिंह सिसौदिया, प्रभारी पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 के पर्यवेक्षण मे एस0टी0एफ0 मुख्यालय स्थित साइबर टीम को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। इसी क्रम मे मुख्यालय स्थित टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।

पूछताछ में उपरोक्त गिरफ्तार गैंग के सरगना राजकुमार ने बताया कि मैंने वर्ष 2013 मे नेटएम्बिट कम्पनी मे टैली कालर की नौकरी ज्वाइन किया। यहाँ पर ही मैंने इंश्योरेंस कम्पनियों के कस्टमर को काल करने का तरीका सीखा। नेटएम्बिट कम्पनी से 2015 मे नौकरी छोड़कर अपना खुद का काल सेंटर सेक्टर 16 नोयडा मे प्रारम्भ कर दिया। तब से  लेकर अब तक विभिन्न इंश्योरेंस कम्पनियों के डेटा पर काल कर/कराकर ठगी कर रहा था।मैंने अपने फोटो लगाकर कई नाम व पते से आइडी बना रखी है, जिससे बैंक मे खाते खुलवाता था। यदि किसी कस्टमर द्वारा पुलिस मे एफ0आई0आर0 करायी जाती थी तो पुलिस मुझे मेरे गलत पते पर खोजती रहती थी। मुझे आज तक पुलिस कभी गिरफ्तार नही कर पायी। पिछले पांच वर्षो मे मैने करोडों रूपये की ठगी की है।

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