कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ मनाया जाएगा पेंशनर दिवस

 

अयोध्या अनुज कुमार झा, जिलाधिकारी अयोध्या ने बताया कि 17 दिसम्बर 2020 को गांधी सभागार, कार्यालय आयुक्त अयोध्या परिसर में पूर्वान्हन 11:00 बजे पेंशनर दिवस आयोजन किया गया है। शासन के निर्देशानुसार पेंशनर दिवस में जिले के समस्त कार्यालयाध्यक्ष अथवा कार्यालय की किसी वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी को उपस्थित होना अनिवार्य है जिससे पेंशनर की समस्याओं के त्वरित निस्तारण कराया जा सके। शासन द्वारा यह भी निर्देश प्राप्त हुआ है कि गत वर्ष 17 दिसम्बर 2020 को पेंशनर दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें अधिकांश कार्यालयध्यक्ष अनुपस्थित पाए गये। इससे पेंशनर दिवस की प्रभावोत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने सभी कार्यालयध्यक्ष को निर्देश दिए हैं कि गति वर्ष 17 दिसम्बर 2019 को आयोजित पेंशनर दिवस में आपके विभाग से संबंधित पेंशनर द्वारा उठाई गयी समस्याओं के निस्तारण के संबंध में की गई कारवाही से भी 15 दिसंबर 2020 तक कोषागार को अवगत करा दिया जाए, जिससे संबंधित को अवगत कराया जा सके। उन्होंने सभी कार्यालयध्यक्ष को निर्देश जारी किए हैं कि 17 दिसम्बर 2020 को पूर्वान्हन 11:00 बजे गांधी सभागार में आपकी उपस्थिति अनिवार्य है, जिससे आपके विभाग से संबंधित पेंशनर द्वारा उठाई गई समस्याओं का अस्थल पर ही निस्तारण कराया जा सके।

मुख्य कोषाधिकारी अनुराग गुप्ता ने विभिन्न पेंशनर संगठनों के अध्यक्ष एवं महामंत्री को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि जिस भी पेंशनर की कोई सूचना हो तो उसे प्रत्यावेदन के साथ पेंशनर दिवस में अपनी समस्या के साथ समय से उपस्थित होने के लिए कहें। पेंशनर दिवस में कार्यालयध्यक्ष व पेंशनर को मास्क पहनना अनिवार्य है तथा 2 गज की दूरी भी बनाएं रखने के साथ समय-समय पर हाथों को सैनिटाइजर करते रहना होगा और अधिक जानकारी के लिए कोषागार में किसी भी कार्यदिवस में पटल सहायक सुरेेश कुमार से संपर्क कर सकते हैं।

अनुज कुमार झा ने बताया कि भू-अभिलेखों को अद्यतन रखना राजस्व विभाग का एक महत्वपूर्ण कार्य है। समय-समय पर वरासत आदि को राजस्व अभिलेखों में अद्यतन करते रहना राजस्व विभाग का दायित्व है। वरासत के प्रकरणों में समय से कार्यवाही न होने से न केवल विधिक उत्तराधिकारी अपने अधिकार से वंचित रह जाते हैं, अपितु अनावश्यक विवाद भी उत्पन्न होते हैं। परिणाम स्वरूप असामाजिक तत्वों/भू-माफियाओं द्वारा भूमि पर अवैध कब्जे का प्रयास किया जाता है जिससे कभी-कभी कानून व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। 
 
उन्होंने आगे बताया कि राजस्व अभिलेखों को अद्यतन रखने के दृष्टिगत शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि राजस्व प्रशासन के द्वारा निर्विवाद उच्चाधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज करने हेतु दिनांक 15 दिसंबर 2020 से 15 फरवरी 2021 तक दो माह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। जिला अधिकारी ने आगे बताया कि विशेष अभियान के तहत 15 दिसंबर से 30 दिसंबर 2020 राजस्व व तहसील अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर राजस्व ग्रामों में प्रचार प्रसार, खतौनियो का पढ़ा जाना तथा लेखपाल द्वारा वरासत हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन भरा जाना है। 31 दिसंबर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा दी गई व्यवस्था लेखपाल द्वारा ऑनलाइन जांच की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही किया जायेगा। 16 जनवरी 2021 से 31 जनवरी 2021 तक राजस्व निरीक्षकों द्वारा दी गई व्यवस्था राजस्व निरीक्षक जांच एवं आदेश पारित करने की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही किया जाना है।
 
16 जनवरी 2021 से 31 जनवरी 2021 तक राजस्व निरीक्षक कार्यालय द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामांतरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के पश्चात खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख सॉफ्टवेयर में अद्यावधिक करना होगा। 1 फरवरी 2021 से 7 फरवरी 2021 तक जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उप जिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाएगा कि उनके क्षेत्र के अंतर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नहीं है। 8 फरवरी 2021 से 15 फरवरी 2021 तक अभियान के अंत में प्रत्येक जिलाधिकारी द्वारा जनपद की प्रत्येक तहसील के दस प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रेंडमली चिन्हित करते हुए उनमें अपर जिला अधिकारियों, उप जिलाधिकारियों व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जांच कराई जाएगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से बचा नहीं है। दिनांक 31 दिसंबर 2020 व 17 जनवरी 2021 व 2 फरवरी 2021 तक जनपद की प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में परिषद की वेबसाइट पर फीड करना होगा।
 
20 फरवरी 2021 जनपदों द्वारा राजस्व परिषद को निर्धारित प्रारूप पर प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं जाना होगा। उन्होंने आगे बताया कि विशेष अभियान को सफल बनाने हेतु मुख्य राजस्व अधिकारी पीडी गुप्ता ने समस्त तहसीलदार को विशेष अभियान के रूपरेखा भेजते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए है, जिसका पर्यवेक्षण उच्च अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। पत्र की प्रतिलिपि समस्त अपर जिला अधिकारी, उपसंचालक चकबंदी, जिला पंचायत राज अधिकारी, सहायक अभिलेख अधिकारी, परियोजना अधिकारी डूडा व समस्त उप जिलाधिकारी को पृष्ठांकित की गयी है। 
 
अनुज कुमार झा ने वरासत के आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुये कहा कि उ0प्र0 राजस्व संहिता में उल्लेखित प्रविधानों के अनुसार संक्रमणीय भूमिधरी अधिकार व अविवादित वरासत दर्ज कराये जाने के सम्बंध में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत आवेदन को आवेदक द्वारा प्रार्थना पत्र व रिपोर्ट दिये जाने की स्थिति में आवेदक स्वयं आनलाइन अथवा जनसेवा केन्द्र पर प्रार्थना पत्र भरने के लिए राजस्व परिषद की वेबसाइड bor.up.nic.in के मुख्य पृष्ठ पर दिये गये राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली लिंक पर उपलब्ध उत्तराधिकार/वरासत हेतु आवेदन (प्रपत्र आर0सी0 09 पूर्व में ‘‘प क-11 क‘‘) लिंक पर जाकर अपना मोबाइल नम्बर अंकित करेगा, तत्पश्चात मोबाइल पर प्राप्त ओ0टी0पी0 को भरकर अपना एक बार पंजीकरण करेगा तथा वांछित सूचनाएं पोर्टल पर भरेगा।
 
तत्पश्चात लेखपाल द्वारा रिपोर्ट दिये जाने की स्थिति में लेखपाल द्वारा अपनी लागिन आइडी से उत्तराधिकार/वरासत सम्बंधी विवरण भरा जा सकेंगा तथा आवेदन अथवा लेखपाल द्वारा प्रार्थना पत्र भरे जाने के पश्चात सबमिट करते हुये आवेदन क्रमांक स्वतः जनरेट हो जायेगा तथा सम्बंधित राजस्व ग्राम के हल्का लेखपाल और सम्बंधित राजस्व निरीक्षक के लागिन आइडी पर स्वतः प्रेषित हो जायेगा। प्रार्थना पत्र/रिपोर्ट/लेखपाल द्वारा सत्यापन के आधार पर मृतक/विवाहित/पुर्नविवाहिता की वरासत दर्ज किये जाने हेतु निर्धारित कार्यक्रमानुसार निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज कराये जाने हेतु अभियान संचालन के दौरान कार्यवाही सम्पन्न की जायेगी।

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