गंगा एक्सप्रेसवे के लिये माह जून, 2021 तक शत-प्रतिशत भूमि अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित

लखनऊ मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप की बैठक में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे एवं गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गई।

बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे की समीक्षा में बताया गया कि उक्त एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से किया जा रहा है तथा माह दिसम्बर, 2021 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। एक्सप्रेसवे के माइल स्टोन-1 के निर्धारित लक्ष्य 10 प्रतिशत के सापेक्ष 10.93 प्रतिशत की प्रगति प्राप्त की जा चुकी है तथा माइल स्टोन-2 के 15 फरवरी, 2021 तक के निर्धारित लक्ष्य 35 प्रतिशत के सापेक्ष 27.20 प्रतिशत की प्रगति प्राप्त कर ली गई तथा कार्य तीव्र गति पर है। 

प्रोजेक्ट के अंतर्गत अब तक 242 कलवर्ट, 73 अंडरपास तथा 05 लघु सेतुओं के स्ट्रक्चर्स तैयार हो चुके हैं। परियोजना के दीर्घ सेतुओं एवं फ्लाईओवर्स की प्रगति लक्ष्य से अधिक है। मुख्य कैरिजवे में पुलिया निर्माण लक्ष्य 235 के सापेक्ष 242 की प्रगति हासिल कर ली गई है। परियोजना के मुख्य कैरिजवे में लघु सेतुओं के निर्माण की प्रगति लक्ष्य के सापेक्ष 94.69 प्रतिशत है। इसी प्रकार मुख्य कैरिजवे में अंडरपास की प्रगति भी लक्ष्य के सापेक्ष 96.93 प्रतिशत है। परियोजना की कुल लागत रु. 14849.09 करोड़ है।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति समीक्षा में बताया गया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 31 मार्च, 2021 तक, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण 31 मार्च, 2022 तक पूरा कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिये माह जून, 2021 तक शत-प्रतिशत भूमि अर्जन की कार्यवाही पूरी कर ली जायेगी।

अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्धारित समयावधि में एक्सप्रेसवेज का निर्माण सुनिश्चित कराने के लिये डे-टु-डे समीक्षा करने तथा लक्ष्य एवं प्रगति का पाक्षिक समय-सारिणी निश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि दीर्घ सेतुओं के निर्माण की टाइमलाइन इस प्रकार निर्धारित की जाये कि बरसात में निर्माण कार्य बाधित न हो और सभी पुलों का निर्माण समय से हो जाये।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें