आदित्यनाथ सरकार की नाकामी ने किसानो को बिचौलियों के दरवाज़े तक पहुंचाया - सभाजीत सिंह

 लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ये कहते नहीं थक रहे है कि प्रदेश में किसानों की फसल की खरीद नियमित रूप से हो रही है। लेकिन योगी जी के इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। प्रदेश भर से आ रही खबरें बता रही है की हैडलाइन मैनेजमेंट के महारथी आदित्यनाथ किसानो की दुःख और तकलीफो से कितने बेखबर है।  ये कहना है आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह का। 

उन्होंने कहा की अब तक प्रदेश के किसानों के सामने कम दामों पर फसल बेचने की समस्या थी, लेकिन अब किसानों से धान बेचने की ही समस्या से दो चार होना पड़ रहा है| 

कानपुर देहात में कई ऐसे किसान परिवार के लोग है जनके घर शादियां है लेकिन क्रय केंद्रों पर फसल की खरीद ना होने की वजह से मजबूरी में कम कीमतों पर अपना अनाज बेचने के लिए किसान मजबूर है। कुशीनगर में शासन की ओर से कृषि उपज की खरीद बिचौलियों से मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद भी किसान बिचौलियों के हाथ धान बेचने को मजबूर हैं। मऊ जिले में हीलाहवाली करने की वजह से किसानों को बाजार में 13 रुपये प्रति किलोग्राम अपनी उपज बेचने के लिए विवश हो रहे हैं। वहां भी मात्र 12.33 फीसद ही खरीद हो पाई है। बदाऊ जिले में क्रय क्रेंदों द्वारा दी गई तारीख पर जाने के बावजूद किसानों का  फसल नहीं खरीदा जा रहा है। 

उन्होंने कहा सरकार की इन सब नाकामियों के चलते किसानो के सामने बिचौलियों के हाथो में अपनी फसल देने के अलावा क्या चारा रह जाता है| 

इन सब के अलावा उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों पर ऐसे मामले सामने आये है जहां सरकार द्वारा दिए गए धान खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पया। डेढ़ माह बाद भी केंद्रों में व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो सकी हैं। इससे किसानों को धान बिक्री के लिए कई तरह की  समस्या का सामना करना पड़ रहा है।  उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्यादातर ऐसे किसान हैं जो कर्ज लेकर इलाज कराते है, बच्चों की पढ़ाई लिखाई या फिर घर में किसी की शादी होने पर कर्ज लेते रहे है। किसान अब तक फसल बेचकर कर्ज चुकाने की उम्मीद कर रहे है लेकिन यहां भी इन्हें निराशा ही मिल रही है।

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