भारतीय संस्कृति की दो महान विभूतियाँ 'अटल बिहारी वाजपेयी' एवं 'मदनमोहन मालवीय' को उनकी जयंती पर किया गया स्मरण
आज का दिन क्रिसमस के अलावा इसलिए भी खास है क्योंकि 25 दिसंबर को ही देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गुलाम भारत में शिक्षा की लौ जगाने वाले महामना मदनमोहन मालवीय की जयंती होती है।
भारतीय संस्कृति की दो महान विभूतियाँ भारतीय राजनीति के अजातशत्रु पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी बाजपेयी एवम् महान शिक्षाविद्, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक पण्डित मदन मोहन मालवीय के जन्म दिवस के अवसर पर आज सम्पूर्ण भारत इन दोनों महान विभूतियो को याद कर के आद्धलित हो रहा है।
मदन मोहन मालवीय ने देश के स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के साथ-साथ भारतीय शिक्षा एवं संस्कृति के उन्नयन में विशेष योगदान किया है। यह देश और समाज उनका योगदान कभी नहीं भूलेगा। "पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आज़ाद भारत के उन महान राजनेताओं में थे जिन्होंने देश की राजनीति के साथ-साथ राजनय को भी नई दिशा और नई ऊँचाई देने में क़ामयाबी हासिल की। वे आजीवन ‘अटल और अविचल’ रहे। सम्पूर्ण भारत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गुलाम भारत में शिक्षा की लौ जगाने वाले महामना मदनमोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण एवं नमन करता है।