सिख समाज द्वारा गुरू तेग बहादुर शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को अखिलेश यादव ने किया सम्बोधित
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज साहिब गुरू तेग बहादुर को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अन्याय और उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए सिख गुरूओं के त्याग और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। वे कभी अपने सिद्धांत से पीछे नहीं हटे। उनके रास्ते पर हमें चलने का संकल्प लेना है।
अखिलेश यादव आज पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में सिख समाज द्वारा गुरू तेग बहादुर शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इसमें बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी और सिख प्रतिनिधिमण्डल के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता भी मौजूद थे। यादव ने कहा आज देश में खेती को कारपोरेट घरानों को सौंपने की साजिश के खिलाफ किसान इस कड़ाके की ठण्ड में भी मैदान में जमे है। इसमें सिख समाज को मुख्य भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद के पात्र है।
यादव ने कहा कि बिहार और प्रदेश के पूर्वांचल के किसान बहुत गरीब है। भाजपा सरकार के तमाम दावों के बावजूद किसानों को गेहूं-धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला है। किसान के उपयोग की खाद, बिजली, डीजल सब मंहगा मिल रहा है। किसान कर्ज और मंहगाई से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं। कारपोरेट की नज़र किसान के खेतों पर है। भाजपा सरकार कृषि विधेयक उन्हीं की मदद के लिए लाई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि किसान अब एकजुट होकर अपने हक और सम्मान की लड़ाई लड़ने को निकल पड़े हैं। उनको बदनाम करने की साजिशें हो रही है लेकिन किसानों की एकता के आगे भाजपा सरकार की कोई चाल नहीं चलेगी। भाजपा को उनके आगे झुकना ही पड़ेगा। अगर किसानों से भाजपा को इतना ही बैर है तो वह उनका उगाया अन्न क्यों खाती हैं? उन्होंने कहा किसान जब खुशहाल होगा तभी देश खुशहाल होगा। समाजवादी किसानों के साथ खड़े है। समाजवादी पार्टी को मजबूती देकर प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाया जा सकता है क्योंकि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है।
यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर सिख गुरूओं और पंजाबी साहित्यकारों को उचित सम्मान देंगे। पंजाबी अकादमी को ज्यादा मदद दी जाएगी। सिख समाज को संगठन और सरकार में मुख्य भूमिका निभाने का अवसर दिया जाएगा। भाजपा सरकार झूठे वादे और दावे करती है जबकि समाजवादी जो कहते है वही करते है। उनकी कथनी और करनी में कोई भेद नहीं रहता है।