विज्ञान और प्रौद्योगिकी किसी भी देश के विकास का आधार है- संजय शानराव धोत्रे

 

भारत अंतरराष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव (आईआईएसएस2020) के अंतर्गत आयोजित किए जा रहे स्‍टूडेंट इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन एंड एक्‍सपो का उद्घाटन संजय शानराव धोत्रे, शिक्षा, संचार एवं इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स तथा आईटी राज्‍यमंत्री ने किया। वर्चुअल रूप से आयोजित किए जा रहे इस इवेंट के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा कि आईआईएसएफ संभवत: विश्‍व में सबसे बड़ा विज्ञान महोत्‍सव है जो युवाओं को प्रेरित और प्रोत्‍साहित करने के लिए वर्ष 2015 में आरम्‍भ किया गया था। अपने संबोधन में उन्‍होंने बताया कि इस वर्ष आईआईएसएफ का केंद्रीय विषय 'आत्‍मनिर्भर भारत और विश्‍वकल्‍याण के लिए विज्ञान' है। 

धोत्रे ने कहा कि प्रतिवर्ष इस महोत्‍सव की लोकप्रियता बढ़ने के साथ-साथ इसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों की प्रतिभागिता भी बढ़ रही है। धोत्रे ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से प्रतिभागी विद्यार्थी समाज और देश के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए अपने नए मॉडलों के साथ नए विचार सामने रखेंगे। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए उनके द्वारा दिए गए उद्घोष ‘जय जवान, जय किसान के बाद जय विज्ञान’ के समावेश का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें अपने प्राचीन ज्ञान-विज्ञान पर गर्व है।

धोत्रे ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी को किसी भी देश के विकास का आधार बताया। उन्‍होंने वैज्ञानिकों और शिक्षकों के साथ-साथ स्‍टार्टअप्‍स, उद्यमियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे इस वर्चुअल कार्यक्रम में पधारें और नई प्रतिभाओं को तलाश कर उनके मॉडलों को प्रौद्योगिकी के रूप में सामने लाने में सहयोग करें। अंत में उन्‍होंने आयोजन की सफलता की शुभकामना दी।

इस अवसर पर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के अध्‍यक्ष प्रोफेसर अनिल स्रहस्रबुद्धे ने अपने व्‍याख्‍यान में इस आयोजन के लिए सीएसआईआर-सीरी और विज्ञान भारती राजस्‍थान की सराहना की। उन्‍होंने देश में ज्ञान-विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए इस प्रकार के विज्ञान महोत्‍सवों के आयोजन की आवश्‍यकता बताते हुए उनके महत्‍व पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर सहस्रबुद्धे ने कहा कि चयनित 100 मॉडल्स में से दर्शाए गए 5 मॉडल का चयन आकस्मिक रूप से किया गया है।

उन्होंने कहा कि चयनित सभी मॉडल एक से बढ़कर एक हैं और उनका विश्वास है कि शेष मॉडल, जो इस प्रतियोगिता के लिए प्राप्त हुए हैं, वे भी बेहतरीन होंगे। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के नियम के अनुसार पुरस्कार तो कुछ ही मॉडल्स को मिलेगा परंतु उन्होंने युवा शक्ति की इस भावना की प्रशंसा की जिन्होंने अपने मॉडलों के माध्यम से देश की समस्याओं का समाधान सुझाने का प्रयास किया है। उन्‍होंने प्रतिभागियों द्वारा प्रस्‍तुत मॉडलों की सराहना करते हुए समाज और देश की सेवा करने की भावना की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और हमारा युवा वर्ग देश को हर क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनाने में सक्षम है और प्रयासरत है। उन्‍होंने इस अवसर पर एआईसीटीई की कुछ प्रमुख गतिविधियों की जानकारी भी दी।


इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्‍भ परम्‍परागत रूप से दीप प्रज्‍वलन तथा सरस्‍वती वंदना के साथ हुआ। इस अवसर पर माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। साथ ही इस अवसर पर आईआईएसएफ तथा एसईएमसी-2020 का परिचय देने के लिए तैयार की गई वीडियो फिल्‍म भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों के समक्ष ज्‍यूरी व चयन समिति द्वारा कुछ चयनित परियोजनाओं के मॉडल भी प्रदर्शित किए गए। अतिथियों ने मॉडल्‍स के पीछे की भावना और परिश्रम की मुक्‍त कंठ से सराहना की। कार्यक्रम के अंत में विज्ञान भारती के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष डॉ. लक्ष्‍मण सिंह राठौड़, पूर्व महानिदेशक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्‍ली ने धन्‍यवाद ज्ञापित किया।

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