मनुष्य ईश्वर को जितना भी देता है, ईश्वर उसे अनंत गुना बना कर देते हैं

 


प्रभु जीव से प्रेम की माँग करते हैं। आप प्रभु को जो भी देंगे, प्रभु उसे कई गुना बढ़ाकर जीव को वापस करते हैं। 

प्रभु निजलाभ से परिपूर्ण है अतः प्रभु अपने को समर्पित की हुई वस्तु को कई गुना करके वापस कर देते हैं। वे अपने सिर पर किसी का भी ऋण नहीं रखते। 

मनुष्य ईश्वर को जितना भी देता है, ईश्वर उसे अनंत गुना बना कर देते हैं। इतना ही नहीं अपितु वे उस ऋण को ब्याज के साथ वापस कर देते हैं।

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