भाजपा सरकार सिर्फ अपनी उपलब्धियों का झूठा ढिंढ़ोरा पीटती है- अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से नवनिर्वाचित विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा एवं डाॅ0 मान सिंह तथा शिक्षक क्षेत्र से निर्वाचित विधान परिषद सदस्य लाल बिहारी यादव ने भेंट कर विधायिका में सेवा का अवसर देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

अखिलेश यादव ने नवनिर्वाचित विधान परिषद सदस्यों को उनकी जीत के लिए बधाई दी और उम्मीद जाहिर की कि विधान परिषद में समाज के कमजोर वर्ग की आवाज को वे मुखरता से उठाएंगे और स्नातकों तथा शिक्षकों के मसलों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का काम करेंगे। यादव ने प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में दो समाजवादी प्रत्याशियों की जीत को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार की धांधली नहीं चली। ईवीएम मशीन पर बैलेट पेपर की जीत हुई। भाजपा मशीन से चुनाव जीतने की साजिश करती है। इस सबके बावजूद यह मतदाताओं में समाजवादी पार्टी के प्रति भरोसे की जीत है।

यादव ने कहा कि सन् 2022 के विधानसभा चुनावों में अब देर नहीं। सन् 22 के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें ज्यादा मेहनत करनी है। सभी को निश्ठावान कार्यकर्ताओं की तरह काम करना है। सरकार के आंख कान पहले से ही बंद है। कोविड-19 काल में मुख भी बंद हो गया है। विपक्ष पर धाराएं लगाई जाती हैं जबकि भाजपा को छूट मिली है। 

अखिलेश यादव ने कहा इस समय किसानो की परेशानी सबसे बड़ी समस्या है। किसान की धान, गेहूं, मक्का फसल की लूट हुई है। खेती में काम आने वाली खाद, बीज, कीटनाशक, बिजली, डीजल सब मंहगे हैं। किसानों को बहकाने के लिए भाजपा ने किसानों की आय दुगनी करने, फसल का ड्योढ़ा मूल्य देने के झूठे वादे किए। भाजपा सरकार किसान को एमएसपी दिलाने और मंडियों के सशक्त बनाने के खिलाफ है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि डाॅ0 स्वामीनाथन आयोग की पूरी रिपोर्ट लागू होनी चाहिए। 

यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को बार-बार अलग जगह बुलाकर बिना किसी नतीजे के अपमानित कर रही है। देष की जनता आंदोलित होकर सब देख रही है। भाजपा कुछ पूंजीपतियों के स्वार्थ को पूरा करने के लिए बिचैलिया बनना बंद करे। भाजपाई अहंकार की सत्ता नहीं चलेगी। 

यादव ने कहा कि भाजपा सरकार नौजवानों के साथ भी धोखा कर रही है। उनको नौकरी देने के झूठे दावे किए जा रहे हैं। प्रदेश में जब न कहीं नया उद्योग लगा, न किसी नए उद्योग के लिए बैंकों ने कर्ज दिया तो रोजगार कहां सृजित हो गया? समाजवादी सरकार के समय नौकरियों में जो भर्तियां शुरू की गई थी, उनको भी पूरा नहीं होने दिया। सरकार सिर्फ अपनी उपलब्धियों का झूठा ढिंढ़ोरा पीट रही है।

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